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‘पंचायत से संसद’ कार्यक्रम महिलाओं का समावेशन और सशक्तिकरण का प्रतीक

संविधान सदन के केंद्रीय हॉल में जुटी 22 राज्यों की सैकड़ो महिला पंचायत प्रतिनिधि

ग्रामीण और जनजातीय समुदायों की महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को बताया महत्वपूर्ण
नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला नेतृत्व के प्रति भारत के प्रगतिशील दृष्टिकोण का परिचायक है: लोकसभा अध्यक्ष
LP Live, New Delhi: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महिला नेतृत्व की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि महिलाओं का समावेशन और सशक्तिकरण, विशेष रूप से ग्रामीण और जनजातीय समुदायों की महिलाओं का, सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम को महिला नेतृत्व के प्रति भारत के प्रगतिशील दृष्टिकोण का प्रमाण करा दिया।
लोकसभा अध्यक्ष सोमवार को पुराने संसद भवन यानी संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में राष्ट्रीय महिला आयोग और जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से लोक सभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित ‘पंचायत से संसद 2.0’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भारत की आजादी के 75 वर्षों की यात्रा का जिक्र करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने पीआरआई प्रतिनिधियों से झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों के बलिदान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया, जो समानता और संघर्ष के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष वनों और भूमि के संरक्षण के साथ साथ जनजातीय समुदायों की गरिमा और आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी था। उन्होंने प्रतिभागियों से भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और विरासत से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत में शासन में महिलाओं की भागीदारी की समृद्ध विरासत है जो दुनिया को प्रेरित करती रहती है। बिरला ने कहा कि पंचायतों में जमीनी स्तर से लेकर संसद में राष्ट्रीय क्षेत्र तक, महिलाओं का नेतृत्व परिवर्तन लाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और समावेशी विकास मॉडल बनाने में सहायक रहा है।

महिला सशक्तिकरण वर्ष मनाने का आग्रह
बिरला ने 2025 को महिला सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बनाने का आग्रह किया जिसमे महिलाओं को नीति निर्माण में केवल भाग लेने के बजाय नेतृत्व करने के लिए जगह मिले। उन्होंने इस वर्ष को नए संकल्पों का वर्ष बनाने का आह्वान किया, जिसमें महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और सामाजिक रूप से न्यायसंगत, आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्र का नेतृत्व करें और अपने सपनों को देश की नियति में बदलें। बिरला ने महिला प्रतिनिधियों से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और ग्रामीण आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे अपने निर्वाचन क्षेत्रों को अधिक जनोन्मुखी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग और नवाचार को अपनाने का भी आग्रह किया। बिरला ने संसद भाषिणी के माध्यम से उनसे बातचीत की जो एक एआई उपकरण है जिसका उपयोग भाषणों को 6 भारतीय भाषाओं गुजराती, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु और मलयालम में अनुवाद करने के लिए किया जाता है।

स्वच्छता में महिलाओं का योगदान
स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और शिक्षा जैसे ग्रामीण मुद्दों को संभालने में महिला नेतृत्व का लाभ उठाने के महत्व पर जोर देते हुए बिरला ने आदिवासी महिलाओं की उद्यमशीलता की भावना की प्रशंसा कीलोकसभा अध्यक्ष ने महिला-संचालित उद्यमों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने के लिए अधिक समर्थन का आवाह्न किया, जिससे आर्थिक विकास के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी हो सके। बिरला ने लोकतांत्रिक प्रणाली में महिलाओं की भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि उनकी बढ़ती भागीदारी लोगों के जीवन में अधिक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाएगी। इस कार्यक्रम में 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की 500 से अधिक आदिवासी महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

इन्होंने भी किया संबोधन
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया राहटकर ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित किया। लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव श्री गौरव गोयल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।दिन के दौरान, प्रतिभागियों के लिए इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ और सत्र आयोजित किए गए, जिनका संचालन विशेषज्ञों और संसद सदस्यों द्वारा किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, संसद सदस्य, लोकसभा महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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