नई संसद में मंगलवार से विशेष सत्र चलाने की तैयारी, यह होंगे कार्यक्रम
संविधान की प्रति लेकर प्रवेश करेंगे पीएम मोदी
प्रवेश से पहले केंद्रीय कक्ष में होगा विशेष कार्यक्रम
LP Live, New Delhi: संसद के विशेष सत्र में दोनों सदनों की बैठकों की शुरुआत मंगलवार 19 सितंबर (गणेश चतुर्थी) से होगी। नई संसद में पीएम मोदी संविधान की कॉपी लेकर प्रवेश करेंगे। नए भवन में प्रवेश से पहले संसद के केंद्रीय कक्ष में 11 बजे एक कार्यक्रम होगा, जिसमें राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का संबोधन होगा। वहीं राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी बोलने का मौका दिया जा सकता है।
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार 1.15 बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई है। इसका कारण यह है कि इससे पहले मंगलवार को 11 बजे केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया जाएगा। इसके बाद पुराने संसद के कामकाज को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कक्ष से पीएम मोदी, मंत्रिगण और सांसद पैदल चलकर नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही के लिए प्रवेश करेंगे। पीएम मोदी संविधान की प्रति लेकर नई संसद में प्रवेश करेंगे। वहीं दोनों सदनों के सांसदों को भी केंद्रीय कक्ष के कार्यक्रम के दौरान उपहार स्वरुप एक किट भेंट की जाएगी, जिसमें संविधान की प्रति के अलावा इस विशेष किट में स्मारक सिक्के और नई संसद पर टिकटों वाली पुस्तिका और संसद भवन की मुहर सहित कई अन्य उपहार शामिल होना बताया जा रहा है। मसलन 19 सितंबर को नए संसद भवन में संसद सत्र की बैठक होगी और 20 सितंबर से नए भवन में नियमित संसदीय काम-काज शुरू हो जाएगा।
नई आशाओं और उम्मीदों के साथ होगा प्रवेश: बिरला
इससे पहले संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा को सूचित किया कि सोमवार को संसद भवन में कार्यवाही का अंतिम दिन है और आज के बाद सदन की कार्यवाही नए भवन में संचालित होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य नए संसद भवन में नई आशाओं, नई उम्मीदों के साथ प्रवेश करेंगे। बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि नए भवन में भारत का लोकतंत्र नई ऊंचाईयां प्राप्त करेगा। सदन को सम्बोधित करते हुए बिरला ने कहा कि संसद भवन स्वतंत्रता प्राप्ति की ऐतिहासिक घड़ी से लेकर भारत के संविधान निर्माण की सम्पूर्ण प्रक्रिया और इसके साथ आधुनिक राष्ट्र की गौरवशाली लोकतांत्रिकक यात्रा का साक्षी रहा है।
मावलंकर को किया याद
स्वतंत्र भारत की प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर को याद करते हुए बिरला ने कहा कि देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के प्रथम अध्यक्ष के रूप में उन्होंने नियम समिति, विशेषाधिकार समिति, कार्य मंत्रणा समिति सहित कई अन्य संसदीय समितियों की स्थापना की और सदन के अंदर उच्चतम परंपराओं की नींव रखी। अन्य सभी पूर्व लोकसभा अध्यक्षों के योगदान का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि उनसे पूर्व 16 अध्यक्षों ने संसद की श्रेष्ठ परम्पराएं स्थापित की हैं।