देश में ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ की नीति कामयाब
पूर्वोत्तर में उग्रवाद से होने वाली लोगों की मौत में आई 80 फीसदी गिरावट


छह हजार वामपंथी उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण: अनुराग ठाकुर
LP Live, New Delhi: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार की नीति ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ पर केन्द्रित है। आतंक के खिलाफ सरकार के संकल्प को सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक तक ले गये और विश्व को इसके खिलाफ एकजुट करने का प्रयास जारी है। इसी प्रकार आंतरिक सुरक्षा के लिए सरकार की इस नीति ने पूर्वात्तर राज्यों में वामपंथी उग्रवाद खत्म हो रहा है और पिछले आठ साल में उग्रवाद के कारण होने वाली नागरिकों की मौतों में 80 फीसदी गिरावट आई। वहीं पूर्वात्तर में वामपंथी संगठनों के छह हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण करके सामाजिक विचाराधारा के साथ जुड़ने का प्रयास किया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर एक संवाददाता सम्मेलन में कह कि मोदी सरकार ने जहां यूएपीए को मजबूत करने के लिए कानूनी मोर्चे पर काम किया है, वहीं प्रवर्तन स्तर पर भी विभिन्न कदम उठाए गए हैं। मसलन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम को पेश करके राष्ट्रीय जांच एजेंसी को वास्तविक तौर पर एक संघीय संरचना दी गयी है। इससे आतंकवाद के आर्थिक नेटवर्क को बेहद कमजोर करने में मदद मिली। भारत ने आतंकवाद को वैश्विक संकट करार देते हुए दुनिया के देशों को इसके खिलाफ एकजुट करने के प्रयास में साथ लिया। इस नीति का परिणाम था कि उन्होंने कहा कि 90वीं इंटरपोल महासभा 2000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों के ‘आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई’ की घोषणा के साथ संपन हुई।

जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा कि आतंक के खिलाफ सरकार के संकल्प को सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक तक बार-बार प्रदर्शित किया गया है। हमारे सशस्त्र बलों की कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गयी है। इसी तरह आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों में सजा की दर 94 प्रतिशत तक हासिल की गयी है। पडोसी देश पर सीमापार से आतंकवादियों की घुसपैठ को भी सुरक्षा बल मुस्तैदी और मुहंतोड़ जवाब के साथ विफल करने में लगे हुए हैं।
उग्रवादी संगठनों से समझौता हस्ताक्षर
सरकार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र कार्रवाई से आगे जाने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति का माहौल बनाने के लिए काम किया है। ये शांति समझौते सरकार की उपलब्धियों की विरासत हैं। इस पहलू को रेखांकित करते हुए ठाकुर ने सरकार द्वारा हस्ताक्षरित शांति समझौतों का जिक्र करते हुए बताया कि इस दौरान सरकार ने जनवरी 2020 में बोडो और कब्रू-रियांग समझौता किया। जबकि मार्च 2022 में असम-मेघालय अंतर-राज्यीय सीमा समझौता और सितंबर 2021 में कार्बी आंगलोंग समझौता तथा इससे पहले अगस्त 2019 में एनएलएफटी-त्रिपुरा समझौता किया गया है।
