दिल्ली में जल्द स्थापित होगा सरस्वती नदी शोध केंद्र
सरस्वती नदी बहुउद्देश्यीय सलाहकार समिति की बैठक में ऐलान
संग्राहलय में रखी जाएंगी दर्शनलाल जैन की संग्रहित वस्तुएं
LP Live, New Delhi: केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन गठित प्राचीनतम सरस्वती नदी बहुउद्देश्यीय सलाहकार समिति की बैठक में केंद्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने यह ऐलान किया, कि सरस्वती नदी से जुड़ी हुई प्रमाणिक वस्तुओं का संग्रह करने अन्य साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए जल्द ही दिल्ली में एक सरस्वती नदी शोध केंद्र बनाया जाएगा।
नई दिल्ली नई दिल्ली स्थित भारतीय पुरातत्व विभाग के मुख्यालय धरोहर भवन में आयोजित सलाहकार समिति की चौथी बैठक में अध्यक्षता करते हुए मीनाक्षी लेखी ने उन्होंने सरस्वती नदी के प्राचीन स्वरूप को प्रकट करने के लिए निरंतर कार्य करने की प्रेरणा दी। इस बैठक में बोर्ड के सदस्य के रुप में शामिल चाणक्य वार्ता के संपादक डा. अमित जैन ने सुझाव दिया कि माननीय दर्शनलाल जैन द्वारा संग्रहित किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण दस्तावेज और वस्तुओं का उपयोग भी करना चाहिए। इस पर संस्कृति मंत्री श्रीमती लेखी ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि जहां पर भी सरस्वती से संबंधित संग्रहालय बनाया जाएगा, वहां दर्श
नलाल जैन द्वारा संग्रहित किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं अन्य वस्तुओं को अवश्य रखा जाएगा। लेखी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सरस्वती प्रोजेक्ट में दिए जा रहे हैं अभूतपूर्व योगदान की सराहना की और आश्वस्त किया कि हरियाणा सरकार इस कार्य में हमें आगे भी सहयोग देती रहेगी। वहीं बैठक में भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों और संगठनों से वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट और दस्तावेज प्रस्तुत किये।
ये भी बैठक में रहे शामिलइस बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण,जल संसाधन
मंत्रालय, ओएनजीसी, इसरो, हरियाणा सरकार के पदाधिकारी और सरस्वती
नदी पर काम करने वाले विभिन्न विद्वान उपस्थित रहे। एएसआई से वरिष्ठ अधिकारी डॉ आलोक त्रिपाठी, डॉ संजय मंजूल और उनकी टीम ने हिस्सा लिया। बैठक में विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभवों का लाभ संस्कृति मंत्रालय को दिया गया, जिससे निश्चित है कि सरस्वती नदी को धरा पर उतारने वाले दर्शनलाल जैन की भावना अवश्य ही साकार होगी और एक दिन देश और दुनिया के लोग प्राचीन सरस्वती के साक्षात दर्शन करने हेतु उत्साह और उमंग से आएंगे।