LP Live, New Delhi: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दिल्ली के कस्तूरबा बालिका विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में छात्रओं से आव्हान किया कि अच्छा पढ़े और आगे बढ़े। उन्होंने विद्यालय में दस मिनट एक अध्यापक के रुप में छात्राओं को आत्मविश्वास का पाठ भी पढ़ाया। इस समारोह में उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी थे।
दिल्ली के कस्तूरबा बालिका विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम बुधवार को बोलते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रे ने कहा कि वे इस कार्यक्रम दस मिनट के लिए राज्यपाल नहीं, बल्कि एक शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की प्रेरणा से शुरू हुए इस विद्यालय से निकलने वाली हर लड़की कस्तूरबा जैसी बने। उन्होंने बताया कि कस्तूरबा गांधी ने अपना कर्तव्य निभाया और उस समय समाज, विशेषकर महिलाओं को देश सेवा का रास्ता दिखाया, उन्हें प्रेरित किया। वे आजादी आन्दोलन में महात्मा गांधी के साथ जेल भी गई। दत्तात्रेय ने कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक सामान्य परिवार से आकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचे और एक सेवाभाव का उदाहरण पेश किया। दत्तात्रेय ने छात्राओं से पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को अपना आदर्श बनाने का आह्वान किया, जिनके परिवार की सदस्य सुश्री स्वाति कोविंद भी निस्वार्थ भाव से इस विद्यालय के लिए काम कर रही है। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने विचारों से छात्राओं का ज्ञानवर्धन किया। समारोह में रामनाथ कोविंद की पत्नी श्रीमती सविता कोविंद, हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष शंकर कुमार सान्याल, अक्षय पात्रा संस्थान के ट्रस्टी भरत ऋषभ दास, सहयोग संस्थान की अध्यक्ष सुश्री स्वाति कोविंद, कस्तूरबा बालिका विद्यालय के प्रबंधक श्याम सूरी तथा विद्यालय की उप प्रधानाचार्य अनिता शर्मा भी उपस्थित थे।
मेधावी छात्राओं का सम्मान
कार्यक्रम में रामनाथ कोविंद तथा राज्यपाल दत्तात्रेय ने प्रत्येक कक्षा में पहले व दूसरे स्थान पर रही छात्राओं तथा खेलो में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली विद्यालय की छात्राओं को पुरूस्कृत किया। इस विद्यालय में 1100 से अधिक छात्राए शिक्षारत है। समारोह में सुश्री स्वाति कोविंद ने सहयोग संस्था की तरफ से घोषणा की है कि इस वर्ष 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाली विद्यालय की छात्राओं को प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये की राशि ईनाम स्वरूप दी जाएगी, जिसे उन्होने रामनाथ कोविंद छात्रवृति का नाम दिया।