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झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का निधन, राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी व सीएम योगी ने श्रद्धांजिल

सोरेन ने झारखंड आंदोलन के जनक, महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ आदिवासियों की आवाज की बुलंद
LP Live, New Delhi: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद एवं दिशोम गुरु के नाम से जाने जाने वाले शिबू सोरेने का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल मे निधन हो गया, वे 81 साल के थे। उनके निधन के कारण झारखंड में तीन दिने के राजकीय शोक घोषित किया गया है। सोरेने के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी  के सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी है।

दिशोम गुरु शिबू सोरेने झारखंड आंदोलन के जनक, महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ आदिवासियों को जगाने वाले, धनकटनी आंदोलन और आदिवासी समाज को शिक्षित करने का अभियान चलाने वाले झारखंड के सबसे बड़े नायक के रुप में उभरे और झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। झारखंड मुक्ति मोर्चा(जेएमएम) सुप्रीमो दिशोम गुरु ने सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन के कारण उनके निधन की खबर आते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की पार्टी के झंडे झुका दिये गये और 3 दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है। वे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे गुरुजी को 19 जून 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनको ब्रेन स्ट्रोक हुआ और उनकी हालत बिगड़ गयी। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार हुआ था। काफी दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

झारखंड मुक्ति के जननायक रहे शिबू सोरेन : झारखंड के रामगढ़ के नेमरा गांव में शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। उनके पिता सोबरन सोरेन शिक्षक थे। महाजनों के द्वारा उनकी हत्या के बाद शिबू सोरेन पढ़ाई छोड़कर गांव आ गये। आदिवासी समाज को एकजुट करना शुरू किया। 1970 के दशक में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और आदिवासियों के हक के लिए संघर्ष शुरू कर दिया। दिशोम गुरु ने 4 फरवरी 1973 को बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसने अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को गति दी। झामुमो और आजसू के आंदोलन के परिणामस्वरूप 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ। गुरुजी को झारखंड आंदोलन का जनक माना जाता है। उनके योगदान को पूरे देश में सम्मान की नजर से देखा जाता है। अब शिसू सोरेने के बेटे हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।

 

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