कुछ राज्य जीएसटी संग्रह में लगातार पिछड़े साबित
LP Live, New Delhi: साल 2022 के अंतिम माह दिसंबर के दौरान संग्रहित सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये का रहा है, जिसमें से सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये है, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये है, वस्तुओं के आयात पर संग्रहित 40,263 करोड़ रुपये समेत आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये और वस्तुओं के आयात पर संग्रहित 850 करोड़ रुपये समेत उपकर 11,005 करोड़ रुपये शामिल है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी में 36,669 करोड़ रुपये तथा एसजीएसटी में 31,094 करोड़ रुपये का निपटान किया है। दिसंबर, 2022 के महीने के दौरान नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 63,380 करोड़ रुपये तथा एसजीएसटी के लिए 64,451 करोड़ रुपये रहा है। यह जीएसटी राजस्व पिछले साल दिसंबर के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है। महीने के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 8 प्रतिशत अधिक तथा घरेलू कारोबार (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के समान महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक रहा है। नवंबर 2022 के महीने के दौरान 7.9 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट किए गए जो अक्टूबर 2022 में जेनेरेट किए गए 7.6 करोड़ ई-वे बिल की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक थे। नीचे दिया गया चार्ट चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व में रुझान को प्रदर्शित करता है। तालिका दिसंबर, 2021 की तुलना में दिसंबर, 2022 के महीने के दौरान प्रत्येक राज्य में संग्रहित जीएसटी का राज्य वार आंकड़ा प्रदर्शित करती है।
लद्द्दाख ने दर्ज किया सर्वाधिक जीएसटी
पिछले साल दिसंबर 2021 की तुलना में साल 2022 के दिसंबर में लद्दाख ने सर्वाधिक 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। जबकि बिहार ने 36, दादर एवं नागर हवेली ने सर्वाधिक 35, चंडीगढ़ ने 33, पुडुचेरी व नागालैंड ने 30, जम्मू कश्मीर ने 28, अरुणाचल प्रदेश ने 27, गुजरात ने 26, तमिलनाडु ने 25, राजस्थान व पश्चिम बंगाल ने 24, मध्य प्रदेश ने 22, कर्नाटक ने 21 व महाराष्ट्र ने 20 प्रतिशत जीएसटी संग्रह में वृद्धि की है। इसके अलावा यूपी ने 19, दिल्ली ने 17, उत्तराखंड ने 16, हरियाणा ने 14, तेलंगाना ने 11, पंजाब ने 10, हिमाचल ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जहां छत्तीसगढ़ के राजस्व संग्रह में कोई अंतर नहीं आया, वहीं ओडिशा, दमन व द्वीप, गोवा, लक्ष्यद्वीप, अंडमान निकोबार, मणिपुर जैसे राज्य में जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी आई है।