भारत व अमेरिका के बीच अभूतपूर्व सहयोग बढ़ने की उम्मीद
LP Live, New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान रक्षा समेत कई क्षेत्रों में सहयोग प्रगाढ़ होने की उम्मीद है। गुरुवार को अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच हुए समझौते को एक मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसके तहत दोनों कंपनी मिलकर लड़ाकू जेट इंजन का उत्पादन करेंगी। वहीं पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के बीच होने वाली वार्ता में अभूतपूर्व नतीजे आने की उम्मीद है।
अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस समझौते से पहले अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के अध्यक्ष एच लॉरेंस कल्प जूनियर से मुलाकात की थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी व बाइडन के बीच शिखर सम्मेलन से रक्षा संबंधों के मामले में तीन प्रमुख परिणाम मिलने की उम्मीद है, पहला सह-उत्पादन के लिए एक ‘अभूतपूर्व’ जेट इंजन है। भारत में अमेरिका और भारत F414 जेट इंजन का साझा उत्पादन करने के जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के प्रस्ताव का स्वागत कर रहे हैं। जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और कांग्रेस की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है। जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और कांग्रेस (संसद) की अधिसूचना के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता प्रस्तुत किया गया है।
कौशल विकास कार्यक्रम में हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी ने यूएसए की प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडेन के साथ वाशिंगटन डीसी स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में ‘भारत और यूएसए: भविष्य के लिए कौशल विकास’ विषय पर केंद्रित कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन पूरे समाज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और इसका विस्तार करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यबल का पुनर्विकास करने पर केंद्रित था। प्रधानमंत्री ने शिक्षा, कौशल और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग को गति प्रदान करने के लिए 5 सूत्री प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिसमें सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत को एक साथ लाने वाला एकीकृत दृष्टिकोण, शिक्षकों और छात्रों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने, दोनों देशों के बीच विभिन्न विषयों पर हैकथॉन का आयोजन, व्यावसायिक कौशल योग्यताओं को परस्पर मान्यता देना और शिक्षा एवं अनुसंधान से जुड़े लोगों की यात्रा को प्रोत्साहित करना शामिल है।