

आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण से 22,016 बस्तियों का पानी हुआ सुरक्षित
LP Live, New Delhi: आजादी के अमृत काल के तहत जल जीवन मिशन (जेजेएम) देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने की एक नई उपलब्धि हासिल कर ली गई है। हरियाणा व तेलंगाना समेत पांच राज्य और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में जल जीवन मिशन का शतप्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री नरेन्द्रर मोदी लॉन्च किये गये जल जीवन मिशन को पूरा करने का लक्ष्य 2024 तक तय किया गया था, लेकिन उससे पहले ही 5 राज्यों गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात और पंजाब तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह ने इस लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा कर लिया है। जबकि हिमाचल प्रदेश 98.35 प्रतिशत तथा बिहार 96.05 प्रतिशत कवरेज के साथ लक्ष्य के नजदीक जा रहा है। इस मिशन के शुरु होने से पहले देशभर के गांवों में केवल 3.23 करोड़ यानी 16.64 फीसदी घरों में पाइप से पानी का कनेक्शन उपलब्ध था। देश में ग्रामीण परिवारों को अब तक 12 करोड़ नल जल कनेक्शन से पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। इन सभी गांव में ‘सभी घर और सार्वजनिक संस्थान को पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित जल आपूर्ति हो रही है। जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, 22,016 बस्तियां का भूजल जहरीला था, जिनमें 14,020 बस्तियों आर्सेनिक तथा 7,996 फ्लोराइडयुक्त जल से प्रभावित थी यानी 1.79 करोड़ आबादी (आर्सेनिक-1.19 करोड़, फ्लोराइड-0.59 करोड़) पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण से प्रभावित थीं।

आकांक्षी जिलों में 1.67 करोड़ कनेक्शन
इसी प्रकार देश के 112 आकांक्षी जिलों में, मिशन के लॉन्च के समय केवल 21.64 लाख यानी 7.84 प्रतिशत घरों में नल का पानी उपलब्ध था, जो मिशन के तहत अब बढ़कर 1.67 करोड़ 60.51 प्रतिशत हो गया है। इन आकांक्षी जिलों में तेलंगाना से तीन आकांक्षी जिले (कोमाराम भीम आसिफाबाद, जयशंकर भूपलपल्ली और भद्रब्री कोठागुडेम), गुजरात के दो जिले (दाहोद और नर्मदा) और पंजाब (मोगा और फिरोजपुर) और हरियाणा (मेवात) और हिमाचल प्रदेश (चंबा) में एक-एक जिले ने 100 प्रतिशत नल जल कवरेज की पुष्टि हो चुकी है।
देशभर में 5.24 लाख समितियां गठित
जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं से जुड़ी योजना, इसके कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) के केंद्र में शुरुआत से ही सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए 5.24 लाख से अधिक ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों और पानी समितियों का गठन किया गया है और 5.12 लाख ग्रामीण कार्य योजनाएं (वीएपी) तैयार की गई हैं, जिसमें पेयजल स्रोत वृद्धि, ग्रेवाटर उपचार और इसके पुन: उपयोग, और गांव में जल आपूर्ति प्रणालियों का नियमित संचालन और रखरखाव आदि योजनाएँ शामिल हैं।
