जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 54 फीसदी आई कमी
बुनियादी विकास के साथ बन रहा है पर्यटकों का हॉटस्पॉट: गृहमंत्रालय


LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर में चलाई जा रही बुनियादी विकास योजनाओं और सीमापार से आतंकियों की घुसपैठ व अन्य देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का नतीजा है कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 54 फीसदी आई कमी आई है। वहीं बुनियादी विकास और अन्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन के कारण आज जम्मू कश्मीर पर्यटकों का हॉटस्पॉट बन रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की जारी रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर अब आतंकवादियों का नहीं, बल्कि पर्यटकों का हॉट स्पॉट बन गया है। साल 2022 के दौरान जम्मू कश्मीर में करीब 22 लाख पर्यटक घूमने पहुंचे। पिछले कुछ सालों के मुकाबले अब जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी की भारी कमी आई है। केंद्र शासित राज्य में जहां 2018 में आतंक के 417 मामले सामने आए थे, वहीं 2021 में यह घटकर 229 मामले रह गए। जबकि सुरक्षा बलों के शहीद होने के मामले में जहां 2018 में 91 के मुकाबले 2021 में यह आंकड़ा 42 पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में करीब 54 फीसदी, सुरक्षाबलों की मौत में 84 फीसदी और आतंकियों की भर्ती में करीब 22 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।

पर्यटकों की संख्या में इजाफा
गृह मंत्रालय के अनुसार पहले सालाना छह लाख पर्यटक जम्मू कश्मीर आते थे, अब यह बढ़कर 22 लाख पर पहुंच गया है। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। अब जम्मू-कश्मीर में पथराव की एक भी घटनाएं नहीं हो रही हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार दृढ़ता के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। समीक्षा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तीन परिवारों के 70 साल के शासन में जम्मू कश्मीर में महज 15 हजार करोड़ का ही निवेश हुआ था, जबकि पीएम मोदी ने यहां तीन साल में 56 हजार करोड़ का निवेश कराने की उपलब्धि हासिल की। यही नहीं प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत यहां 80 हजार करोड़ की 63 जल विद्युत परियोजनाओं पर काम हुआ। किरू परियोजना पर 4,287 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है।
लोकतांत्रिक प्रणाली हुई मजबूत
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने की पहल के बाद यहां लोकतंत्र को भी मजबूती मिली है। गृह मंत्रालय के अनुसार कश्मीर में जम्हूरियत सिर्फ तीन परिवारों 87 विधायक और 6 सांसदों तक सिमटा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को जम्हूरियत से जोड़ा और इसे गांव सरपंच, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत तक ले गए। इससे पहले अनुच्छेद 370 की वजह से गुज्जर-बकरवाल और पहाड़ी को शिक्षा, नौकरियों और चुनाव में आरक्षण नहीं मिल पा रहा था। लेकिन इसके हटने के बाद से उनको इन सबका लाभ मिलने लगा। गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 42 हजार लोगों ने आतंकवाद के आगे घुटने टेके और दिल्ली में किसी ने पलक नहीं झपकाई, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों का पूरा नियंत्रण है।
