LP Live, Raipur: छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के सकरात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। मसलन मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में पिछले चार साल में जहां एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त यानी खून की कमी से उबर चुकी है, वहीं बच्चों के कुपोषण में 48 फीसदी कमी दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सुधार के लिए चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में नवाचारी योजनाओं मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजनाओं को कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसका शहरी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रूपए तक के मुफ्त इलाज भी लोग करा रहे हैं। इसके इलावा मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना में 20 लाख रूपए तक की इलाज की सुविधा भी दी जा रही है।
सर्वेक्षण में नजर आया सुधार
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच के अनुसार छत्तीसगढ में करीब साढ़े चार लाख कुपोषित बच्चों में से करीब सवा दो लाख बच्चे कुपोषण से मुक्त हो चुके हैं। इस दौरान राज्य में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इस प्रकार अब 31.3 फीसदी कुपोषण है। इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार सरकार की सुपोषण योजना के तहत एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक टेबलेट मुहैया कराई जा रही हैँ, जिसका नतीजा है कि अब तक प्रदेश में एक लाख से महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं।
मध्यान्ह भोजन में मिलेट्स
राज्य सरकार ने स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में मिलेट्स के व्यंजन को शामिल कर लिया गया है, जिससे बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं व महिलाओं को एनिमिया से मुक्त करने में मदद मिलेगी। के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है। इस अभियान के बाद बच्चों के कुपोषण में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिलों को लेकर रिपोर्ट पर गौर की जाए तो देश के 112 आकांक्षी जिलों में से ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में शीर्ष पांच जिलों में आकांक्षी जिलों में शामिल छत्तीसगढ़ नारायणपुर जिला चौथे स्थान के अलावा स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।