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केंद्र सरकार ने दी विश्वकर्मा योजना को मंजूरी

पीएम ई-बस सेवा स्वीकृत, शहरों में चलेंगी दस हजार इलेक्ट्रिक सिटी बसें

देश में परंपरागत कार्यो पर मिलेगा सस्ती दरों पर कर्ज
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने पुश्तैनी या परंपरागत कामकाज बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा योजना शुरु की जा रही है, जिसमें पांच फीसदी ब्याज की दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। वहीं सरकार ने पीएम ई-बस सेवा को को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत पीपीपी मॉडल पर दस हजार इजेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना को कैबिनेट ने अपनी मंजरी दे दी है। वहीं बैठक में पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी गई है, जिसमें दस हजार 10000 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़को पर उतारने का प्रस्ताव है, इस योजना पर 57613 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि विश्वकर्मा योजना के तहत विश्वकर्मा का मतलब है कि हमारे कस्बों, ग्रामीण, छोटे शहरों में बहुत सारे ऐसे वर्ग हैं, जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी महत्वपूर्ण स्किल पर काम करते हैं। इसमें सोनार सोने का काम, लोहार लोहे का काम, चर्मचार चमड़े का काम इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उस बड़े वर्ग को एक नया आयाम देने के लिए विश्वकर्मा योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। बता दें कि पिछले साल के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी और इसे आज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना के तहत उदार शर्तों पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी मिलने के बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई-बस सेवा पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देशभर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि 57,613 करोड़ रुपए में से 20 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर 10 हजार ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार
केंद्रीय कैबिनेट ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को स्वीकृति दी है। नागरिकों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का शुभारम्भ एक जुलाई, 2015 को किया गया था। इस कार्यक्रम अत्यधिक सफलता को देखते हुए इसे विस्तार देने के लिए 14,903 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसमें फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के अंतर्गत 6.25 लाख सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों को पुनः कौशल से लैस किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत 2.65 लाख व्यक्तियों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी प्रकार यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (उमंग) ऐप/प्लेटफॉर्म के अंतर्गत 540 अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके तहत राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) का आधुनिकीकरण के साथ 1,787 शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा। सरकार की यह घोषणा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, सेवाओं तक डिजिटल पहुंच सक्षम बनाएगी और भारत के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम का समर्थन करेगी।

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