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केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले बल्ले, केंद्र ने बढ़ाया दो फीसदी महंगा भत्ता

देश के एक करोड़ से अधिक कर्मियों और पेंशनरों को मिलेगा लाभ

अब डीए 53 से बढ़कर 55 प्रतिशत होने से सरकार पर बढ़ेगा बोझ
LP Live, New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 2 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले के लागू होने पर अब केंद्रीय कर्मचारियों को 53 से बढ़कर 55 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता मिलेगा। इस मंजूरी से देश के करीब 1.15 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। वहीं इस फैसले से राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 6,614.04 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के करीब एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते यानी डीए एवं महंगाई राहत (डीआर) में दो फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट की इस मंजूरी के तहत यह फैसला गत एक जनवरी से देय महंगाई भत्ते की दर अब 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है। कैबिनेट के इस फैसले की पुष्टि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में की है। उन्होंने बताया कि इससे कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में वृद्धि होगी। पिछली बार डीए में वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थी, जब इसे 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत किया गया था। डीए और डीआर दोनों में वृद्धि के कारण राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 6,614.04 करोड़ रुपये होगा। सरकार के इस फैसले से करीब 1.15 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

डीए में बदलाव का प्रावधान
गौरतलब है कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा अक्सर होली और दीवाली पर की जाती है। हालांकि डीए व डीआर की दरों में वृद्धि हर साल एक जनवरी और एक जुलाई से किए जाने का प्रावधान है। अगर तय समय से कुछ माह बाद डीए की घोषणा होती है तो सरकारी कर्मचारियों के खाते में उतने ही माह का एरियर आ जाता है। महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बढ़ती महंगाई के कारण वेतन अपना मूल्य न खो दे। कर्मचारियों का मूल वेतन हर 10 साल में वेतन आयोग की ओर से निर्धारित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, महंगाई के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए डीए में समय-समय पर बदलाव किया जाता है।
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बिहार मे नदी लिंक परियोजना को मंजूरी
कैबिनेट ने बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल करने को भी मंजूरी दे दी है। इस फैसले बिहार के सीमांचल इलाके के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 6,282.32 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को मार्च, 2029 तक पूरा करने के लिए बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर के पुनर्निर्माण के माध्यम से बिहार में महानंदा बेसिन तक सिंचाई के विस्तार के लिए कोसी के अधिशेष जल के एक हिस्से को मोड़ने की परिकल्पना की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग योजना मंजूर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22,919 करोड़ की वित्तीय सहायता के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना को मंजूरी दी है। भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है। यह योजना 59,350 करोड़ का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखती है, जिसके परिणामस्वरूप 4,56,500 करोड़ मूल्य के उत्पादों का उत्पादन होगा।

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