LP Live, Faridabad: भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड के नियुक्त नए निदेशक (तकनीकी) राज कुमार चौधरी ने अपना पदभार संभाल लिया है, एनएचपीसी में क्षेत्रीय कार्यपालक निदेशक (तकनीकी) के पद पर तैनात थे।
एनएचपीसी के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बीआईटी (सिंदरी) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक और प्रबंधन में एडवांस डिप्लोमा की शैक्षिक व तकनीकी योग्यता रखने वाले आरके चौधरी ने साल 1989 में झारखंड की कोयल कारो जलविद्युत परियोजना में प्रोबेशनरी एग्जीक्यूटिव (सिविल) के रूप में एनएचपीसी में अपने सेवा की शुरुआत की थी। इस सेवा के दौरान लगातार आगे बढ़ते हुए चौधरी ने अब एनएचपीसी के निदेशक (तकनीकी) का पदभार संभाला है। इससे पहले उन्होंने एनएचपीसी में लागत इंजीनियरिंग विभाग, डिजाइन एवं इंजीनियरिंग विभाग, कोयल कारो, कालपोंग, तीस्ता-V और सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजनाओं में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
पडोसी देशों की परियोजनाओं में योगदान
चौधरी ने भूटान में माँगदेछू और पुनात्सांगछू- II जलविद्युत परियोजनाओं में निदेशक (तकनीकी) के पद पर भी अपनी सेवाएँ दी हैं। उनके पास जलविद्युत परियोजना के विकास की अवधारणा से लेकर कमीशनिंग तक के सभी पहलुओं का अनुभव है और उन्होंने भारत और भूटान में जलविद्युत के विकास में प्रशंसनीय योगदान दिया है। चौधरी ने कालपोंग जलविद्युत परियोजना की परिकल्पना से लेकर उसे चालू करने तक का कार्य किया है। इस परियोजना को निर्धारित समय से 16 महीने पहले पूरा कर लिया गया था। यह एनएचपीसी के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी क्योंकि यह परियोजना अंडमान और निकोबार के एक बहुत ही सुदूर द्वीप में स्थित थी। चौधरी ने सिक्किम में तीस्ता-V जलविद्युत परियोजना (510 मेगावाट) और भूटान में माँगदेछू जलविद्युत परियोजना (720 मेगावाट) को पूर्ण करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने एक विशेषज्ञ सदस्य के रूप में भूटान में 1020 मेगावाट की ताला जलविद्युत परियोजना के एचआरटी की मरम्मत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चौधरी रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में नामित निदेशक भी हैं।