उप राष्ट्रपति धनखड ने बांटे राष्ट्रीय जल पुरस्कार
मध्य प्रदेश को दिया गया सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरसकार


उड़ीसा के गंजम को मिला सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार
LP Live, New Delhi: उपराष्पति जगदीप धनखड ने जल संरक्षण की दिशा में योगदान करने वालों के लिए विजेताओं को चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किये। जलशक्ति मंत्रालय के चयनित विजेताओं में ग्यारह श्रेणियों में 41 पुरस्कार दिये गये, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मध्य प्रदेश और जिले का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार ओडिशा के गंजम जिले को दिया प्रदान किया गया। पुरस्कार हरियाणा के एडवांस वाटर डाइजेस्ट प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम को सर्वश्रेष्ठ मीडिया के पुरस्कार से नवाजा गया।
नई दिल्ली में शनिवार को विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में जलशक्ति मंत्रालय और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड ने प्रदान किये। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रशस्ति पत्र और एक ट्रॉफी के साथ-साथ कुछ श्रेणियों में नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देशभर में ये पुरस्कार 11 श्रेणियों में संयुक्त विजेताओं सहित 41 विजेताओं को प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ राज्य का प्रथम पुरस्कार मध्य प्रदेश राज्य को मिला, जबकि ओडिशा के गंजम जिले को सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार और तेलंगाना में भद्राद्री कोठागुडेम जिले के जगन्नाधपुरम ग्राम पंचायत को सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय का पुरस्कार चंडीगढ़ नगर निगम चंडीगढ़ का मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ मीडिया का पुरस्कार हरियाणा के एडवांस वाटर डाइजेस्ट प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम को दिया गया।
वहीं उद्योग कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग का पुरस्कार हिंदुस्तान कम्प्यूटर्स लिमिटेड (एचसीएल) टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, नोएडा, उत्तर प्रदेश को दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय जल पुरसकार हासिल करने वालें में प्रमुख रुप से सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार जमीयतपुरा प्राइमरी स्कूल, मेहसाणा, गुजरात, कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, रियासी, जम्मू-कश्मीर, सर्वश्रेष्ठ उद्योग का पुरस्कार बरौनी ताप विद्युत केंद्र, बेगूसराय, बिहार और सर्वश्रेष्ठ स्वयं सहायता समूह (एनजीओ) का पुरस्कार अर्पण सेवा संस्थान उदयपुर, राजस्थान को को मिला। वहीं सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ का पुरस्कार संजीवनी पियाट सहकारी मंडली लिमिटेड, नर्मदा, गुजरात को दिया गया है।

जल संरक्षण को प्राथमिकता होनी चाहिए: उपराष्ट्रपति
इस मौके उपराष्ट्रपति ने जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय कार्य के लिए विजेताओं को बधाई दी और पंचायत, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों से जल संरक्षण को प्राथमिकता देने और उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नेतृत्व करने का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं जैसे कि जोहड़ों (तालाबों) को पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के 3 आर रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल के माध्यम से पुनर्जीवित करने का आह्वान किया। राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों जैसे संवैधानिक प्रावधानों जो जल और पर्यावरण के संरक्षण पर जोर देते हैं, की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जल जीवन मिशन जैसी सरकारी पहलों का आम नागरिकों के जीवन पर पड़ रहे परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। यह देखते हुए कि जल का संरक्षण हमेशा भारत की सभ्यतागत प्रकृति का एक अभिन्न पहलू रहा है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह प्रकृति के उपहारों का बुद्धिमानी से उपयोग सुनिश्चित करे। उन्होंने जोर देकर कहा “प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हमारी इष्टतम आवश्यकता के अनुसार होना चाहिए।
तालाब व पोखर सिकुडने के कगार पर: धनखड
समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ऋग्वेद में जल की व्याख्या करते हुए सार्थक रूप से कहा गया है कि जल में अमृत भी है और औषधि भी है! उन्होंने कहा कि हालांकि देश में जल संरक्षण की दिशा में बहुत काम किया जा रहा है। देशभर में जलाशयों, एनिकट का निर्माण किया जा रहा है। देश में अंतिम सांस ले रहे कुछेक जोहड़, बावड़ी, पोखरो को भी जीवित करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम र्को भी यह कह चुका है कि जोहड़, पोखर अपरिवर्तनीय हैं, उस भूमि का उपयोग किसी और काम के लिए हो ही नहीं सकता, हुआ है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना मानी जाएगी। लेकिन चिंता का विषय है कि हर गांव के फेफड़े कहलाए जाने वाले जोहड़, पोखर, चारा भूमि सिकुड़ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में यदि अगर हर पंचायत संकल्प लें, तो इन्हें जीवित करना संभव है।
