उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक सीएम ने उठाए हरियाणा के मुद्दे
अमृतसर में केंद्रीय गृहमंत्री अमति शाह की अध्यक्षता मे हुई बैठक


हरियाणा की प्राथमिकता पर एसवाईएल और कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का मुद्दा
LP Live, Chandigarh: उत्तर क्षेत्रीय परिषद की हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब क्षेत्र में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण और पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कॉलेजों को संबद्ध करने समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा।
पंजाब के अमृतसर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब क्षेत्र में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) का निर्माण कार्य पूर्ण करने, पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कॉलेजों को संबद्ध करने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को मजबूती से रखा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्यों की साझा प्रगति के लिए विकास परियोजनाओं के सफल और त्वरित निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग का माहौल स्थापित करना अति महत्वपूर्ण है। उन्हें उम्मीद है कि यह बैठक राज्यों के बीच विभिन्न मुद्दों को समयबद्ध ढंग से सुलझाने में सहायक सिद्ध होगी। अपने संसाधनों को एकत्रित करके, ज्ञान साझा करे और सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाकर हम हमारी परियोजनाओं को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निष्पादित करना सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे हमारे क्षेत्र और पूरे देश का समग्र विकास हो सके।
एसवाईएल नहर का निर्माण पूरा करे पंजाब
मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का निर्माण न करने के बारे पंजाब का कहना है कि पानी की उपलब्धता कम हो गई है। लेकिन, एसवाईएल का निर्माण और पानी की उपलब्धता दो अलग-अलग मुद्दे हैं, एक-दसूरे से जुड़े हुए नहीं हैं। इसलिए इस मामले में भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रावी, सतलुज और ब्यास के पानी का अधिशेष, बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है। (पिछले 10 वर्षों में सतलुज के पानी का औसतन 1.68 एमएएफ और रावी-ब्यास के पानी का 0.58 एमएएफ पाकिस्तान की तरफ गया है)। इस राष्ट्रीय अपव्यय के सदुपयोग लिए एसवाईएल जरूरी है।

हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से मिले संबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहाकि छात्र हित में हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता का विकल्प दिया जाना चाहिए। पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत प्रदान किया गया था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 नवम्बर, 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। इससे पहले हरियाणा के तत्कालीन अम्बाला जिले के कॉलेज इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे। इसलिए अब हमारा यह मत है कि हरियाणा के तीन जिलों नामतः पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। साथ ही, पंजाब के मोहाली और रोपड़ जिलों के कॉलेजों को भी पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। इसलिए बच्चों को शिक्षा का अवसर देना एक सकारात्मक सोच है।
इन राज्यों ने की भागीदारी
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित उत्तर भारतीय राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी उपस्थित रहे।
