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उत्तराखंड में भारी बारिश: स्थगित की गई चारधाम यात्रा

बादल फटने से दो मजदूरों की मौत, सात अन्य श्रद्धालु लापता

खराब मौसम और भूस्खलन की घटनाओं को लेकर अलर्ट पर प्रशासन
LP Live, Dehradun: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में खराब मौसम और लगातार हो रही भारी बारिश के साथ भूस्खलन जैसी घटनाओं के कारण रविवार को चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट पर है और यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी गई है। वहीं यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बादल फटने से दो मजदूरों की मौत हो गयी तथा सात अन्य लापता हो गए।

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा स्थगित करने का निर्णय वर्तमान मौसमी परिस्थितियों के मद्देनजर लिया है। राज्य में लगातार भारी बारिश के कारण कई जगह रास्ते अवरुद्ध हो रहे हैं। वहीं उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार तड़के बड़कोट क्षेत्र में पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से दो मजदूरों की मौत हो गयी तथा सात अन्य लापता हो गए। इस वजह से राज्य सरकार ने प्रदेश में वर्षा और उसके कारण भूस्खलन सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं की आशंका के मद्देनजर चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी है। पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश की वजह से भूस्खलन होने के कारण कई जगह मार्ग अवरूद्ध हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारानाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करने तथा इस दौरान सतर्क रहने की अपील की गयी है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह एहतियाती कदम उठाया गया है, ताकि मार्गों पर फंसे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। पांडेय ने कहा कि चार धाम यात्रा से संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय किया गया है।

राहत व बचाव कार्य जारी
उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने यहां बताया कि रविवार तड़के करीब तीन बजे हुई घटना में लापता हुए मजदूरों के शव बरामद हो गए हैं। ये शव घटनास्थल से 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास मिले। उनकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पानी और मलबे के साथ बह गए सात अन्य लापता मजदूरों को ढूंढने के लिए पुलिस, प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य चला रही हैं। सिलाईबैंड के पास एक होटल के निर्माण कार्य में लगे 29 मजदूरों में से 20 मजदूरों को सुरक्षित निकाल कर बचाया गया। हादसे में लापता मजदूर नेपाली मूल के हैं। बादल फटने के बाद से सिलाई बैंड के अलावा यमुनोत्री राजमार्ग दो से तीन अन्य जगहों पर भी बंद है जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम खोलने के प्रयास में जुटी है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि होटल के पास यह एक नया भूस्खलन क्षेत्र विकसित हुआ है।

जारी किये दिशा निर्देश
उन्होंने बताया कि आगे की यात्रा को लेकर निर्णय सोमवार को मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा। आयुक्त ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों की ओर प्रस्थान न करें। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी गयी है कि बारिश के दौरान गैर जरूरी यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थान पर रुक कर बारिश के बंद होने की प्रतीक्षा करें।

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