
पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम धामी से ली हालात की जानकारी
LP Live, Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। बादल फटने से हुए हादसे के कारण पहाड़ों से पानी बड़े पैमाने पर गिरे मलबे के कारण अनेक घर, होटल समेत काफी संपत्ति का नुकसान हुआ और मवेशी भी बह गये हैं, जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है। सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के साथ-साथ जिला प्रशासन की टीम राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। पीएम मोदी ने उत्तराखंड के हादसे पर दुख जताया है और गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के पुष्कर धामी से बात करके घटना की जानकारी ली।
उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीरगंगा में भयंकर बाढ़ आ गई। इस आपदा के हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना है। पानी के इस सैलाब में कई गांव के गांव तबाह हो गये और अनेक घर व कई होटलों में पानी और मलबा घुसने से वे ध्वस्त हो गये और धराली बाजार पूरी तरह तबाह हो गया है। मसलन यह आपदा बहुत बड़ी और विकराल रुप धारण कर चुकी है। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं। इस आपदा के कारण हर्षिल में सेना के कैंप के पास तेलगाड़ नाला भी उफान पर आया। सेना का बेस कैंप और हेलीपैड तबाह हो गये। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं, गंगोत्री हाईवे भी बंद हो गया है। बाढ़ ने निचले इलाके में भारी तबाही मचाई। जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर – 01374222126, 222722 और 9456556431 जारी किए गए हैं। वहीं उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने भारत सरकार को दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत और बचाव कार्य के लिए देने का अनुरोध किया है।
तीन दर्जन लोगों के मलबे में दबने की आशंका
बादल फटने से आई आपदा के बाद जिला प्रशासन ने वीडियो के आधार पर 25-35 लोगों के मलबे में दबने की आशंका जताई है। साथ ही 25-30 होटल, दुकानें मलबे के सैलाब में बहने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं हर्षिल हेलिपैड के आसपास के क्षेत्र में भी भारी तबाही हुई है। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य तत्काल आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और आईआरएस सिस्टम को सक्रिय किया।
सेना के जवान समेत 70 लोग लापता
उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में बादल फटने से मची तबाही में प्रसिद्ध कल्प मंदिर भी मलबे में बह गया है। चार लोगों की मौत हुई है और 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगाों मेंं निचले हर्षिल क्षेत्र में सेना के एक शिविर से 8-10 भारतीय सेना के जवान लापता बताए जा रहे हैं। इस घटना में अपने साथ के लोगों के लापता होने के बावजूद, भारतीय सेना के जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं।

30 होटलों और दुकानों को नुकसान
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया की राहत बचाव में लगी टीमों ने धराली गांव से 60 लोगों को सुरक्षित कोपांग आईटीबीपी कैंप और 50 को गंगोत्री पहुंचाया है। साथ ही घटना में चार लोगों की मौत, 30 लापता हैं। वहीं 30 होटलों और दुकानों को नुकसान हुआ है।
60-70 लोगों को सुरक्षित निकाला
एसडीआरएफ की पोस्ट भटवाड़ी व गंगोत्री से रेस्क्यू टीमें उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई है। रेस्क्यू टीम द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र से अभी तक 60 से 70 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। एसडीआरएफ की अन्य टीमें रास्ते में है जो जल्दी ही प्रभावित क्षेत्र में पहुंच जाएगी।
सीएम धामी ने नुकसान पर जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में हुए भारी नुकसान पर दुख जताया और प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। धामी ने कहा कि वो लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
पीएम मोदी व गृहमंत्री शाह ने ली हालात की जानकारी
उत्तराखंड हादसे पर पीएम मोदी ने गहरा दुख जाहिर किया है। पीएम मोदी ने घटना के बाद सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में दुख जाहिर करते हुए लिखा ‘उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर हालात की जानकारी ली है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना के लिए दुख जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली। आईटीबीपी की निकटतम 3 टीमों को वहां भेज दिया गया है, साथ ही एनडीआरएफ की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं।.’
मौसम विभाग की चेतावनी हुई अनदेखी?
बताया जा रहा है कि आईएमडी देहरादून ने 5 अगस्त की सुबह ही अपने अलर्ट में साफ लिखा था, उत्तरकाशी में अगले दो दिन कहीं-कहीं बहुत तेज बारिश हो सकती है। गर्जना, बिजली गिरने और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि सतर्कता बरती जाए और स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाएं.। लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज किये जाने की आशंका से इतना नुकसान हुआ है।
