अब जासूसी मामले ने बढ़ाई सिसोदिया की मुश्किलें
सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, केजरीवाल के सलाहकार भी नामजद


भाजपा नेताओं की जासूसी के साथ आप नेताओं की भी हुई निगरानी करने का आरोप
LP Live, New Delhi: दिल्ली आबकारी घोटाले मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आम आदमी पार्टी की ‘फीडबैक यूनिट’ से जुड़े एक जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है, जिसमें मुख्यमंत्री के सलाहकार को भी नामजद किया गया है।
सूत्रों के अनुसार एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी ने साल 2016 में एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी। इस फीडबैक यूनिट से कई लोगों की जासूसी की गई। यह भी आरोप है कि इस यूनिट में भर्ती के लिए केंद्र सरकार से परमिशन नहीं ली गई थी। सीबीआई ने यह एफआईआर केंद्रीय गृहमंत्रालय की मंजूरी के बाद दर्ज की है। गृहमंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन पर आपराधिक साजिश, संपत्ति के बेईमानी से गबन, एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना, खातों में हेराफेरी और एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार के आरोप शामिल हैं।

शिकायत के आधार पर दर्ज मुकदमा
सूत्रों के अनुसार गत 9 मार्च को विजय ए देसाई, निरीक्षक, सीबीआई (भ्रष्टाचार विरोधी शाखा) से एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी। उसके आधार पवर दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार में तत्कालीन सचिव सतर्कता सुकेश कुमार जैन, सीआईएसएफ के सेवानिवृत्त डीआईजी राकेश कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष सलाहकार और संयुक्त निदेशक (एफबीयू) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता देसाई ने कहा कि जांच में पता चला है कि एफबीयू के जरिए अनिवार्य जानकारी एकत्र करने के अलावा, यूनिट ने राजनीतिक खुफिया जानकारी भी एकत्र की जो इसके कार्य क्षेत्र के दायरे से बाहर थी। जांच से यह भी पता चला है कि सिसोदिया ने 22 अप्रैल, 2016 को पीके पुंज द्वारा पेश किए गए एक नोट पर एफबीयू के लिए विशेष भत्ते के लिए मंजूरी दे दी थी।
