हिमाचल में बारिश व बाढ़ की तबाही: 85 की मौत व 52 से ज्यादा लापता
आपदा में 466 घर क्षतिग्रस्त होकर बहे, सेना की मदद से बचाव कार्य तेज


LP Live, Shimla: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। अकेले मंडी में ही एक रात में 466 घर क्षतिग्रस्त होकर बह गये। राज्य में इस आपदा में अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 52 से ज्यादा लोग अभी भी लापता है। शासन व प्रशासन लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटा है और इसमें सेना के हैलीकाप्टर भी लोगों को खाद्य सामग्री और मदद करने में जुटे हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीती रात से सुबह तक भारी बारिश हुई है। प्रदेश में इस बार बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। राज्य में अभी तक इस प्राकृतिक आपदा में 83 लोगों की मौत हो चुकी है और 52 से ज्यादा लोग अभी भी लापता है। राज्य में खराब मौसम के कारण अकेले मंडी जिले में पिछले सप्ताह बादल फटने की घटना का आकलन करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने जायजा लिया, जहां एक ही रात में 466 घर बह कर जमीदोज हो गए थे और जिले में 92 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस दौरान 14 लोगों की जान चली गई, जबकि 42 लोग अब भी लापता हैं। इस आपदा में 922 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। इसी तरह 877 पशुशालाएं और 223 दुकानें जमींदोज हुई हैं। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट में 881 मवेशी और 21 हजार 500 पोल्ट्री वर्ड्स मारे गए हैं। वहीं सड़कें, पुल और खेत-खलिहान मलबे में तब्दील हो गए हैं। बीते सप्ताह के दौरान सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है।सूबे में मॉनसून सीजन के 20 दिन में भारी तबाही हुई है और अब तक 85 लोगों की जान गई है. 34 लोग अब भी लापता हैं. मौतों में सड़क हादसे भी शामिल हैं

सेना पहुंचा रही है राशन
हिमाचल में राहत और बचाव कार्य तेजी के साथ जारी है। सेना के हैलीकाप्टरों से जंजैहली इलाके में 249 तिरपाल, 170 कंबल, खाद्य पदार्थ की 130 पेटियां, मसाले, बिस्किट, दूध पाउडर के पैकेट आदि सामग्री भेजी गई। एक अन्य हेलीकाप्टर ने चंडीगढ़ से उड़ान भरी और 25 होमगार्ड जवानों ने राहकोट, भदरेच और मैलेंडा में राशन किट व दवाएं पहुंचाई। आइटीबीपी की टीम ने पखैर तक 20 राशन किट पहुंचाई।
सैकड़ो सड़के बंद पड़ी हुई हैं
राज्य में 0 जुलाई को भारी वर्षा का अनुमान है। इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी गई है। प्रदेश में अब भी 235 सड़कें बंद हैं और बीते 24 घंटों में बरठीं में 44.6, ऊना में 43.0, श्री नयनादेवी जी में 36.4, गोहर में 29.0 व कांगड़ा में 12 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
