LP Live, Chandigarh: हरियाणा में छोटे उद्यमी से लेकर बड़े उद्योगपति तक अब समयबद्ध तरीके से हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा प्रदान की जाने वाली भवन योजनाओं, प्रमाणपत्रों, अनुमतियों और संपत्ति लेनदेन से संबंधित 27 सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शीघ्र सेवा वितरण सुनश्चिति करने और पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए आज हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम (आरटीएसए) के तहत एक अधिसूचना जारी की है। आरटीएसए नागरिकों को नर्धिारित समय सीमा के भीतर सेवाएं प्रदान करने में विफल रहने वाले किसी भी विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है। प्रदेश सरकार की यह पहल हरियाणा में व्यापार करने में आसानी में सुधार लाने और राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समयबद्धता का किया गया प्रावधान
उन्होंने कहा कि इस दायरे के अंतर्गत प्रत्येक सेवा एक विशष्टि समय सीमा के साथ होती है। अब औद्योगिक या आवासीय उद्देश्यों के लिए भवन योजनाओं की मंजूरी में 15 दिन लगते हैं, जबकि वाणज्यिकि योजनाओं में 30 दिन लगते हैं। भवनों के लिए पूर्णता/कब्जा प्रमाण पत्र 15 दिनों के भीतर जारी किए जाते हैं। अन्य सेवाएँ जैसे अनापत्ति प्रमाण पत्र, कन्वेयंस डीड और नो ड्यू सर्टिफिकेट क्रमशः 20, 15 और 15 दिनों में जारी कर दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्लॉट हस्तांतरण, चाहे बक्रिी के माध्यम से या नर्विरिोध हस्तांतरण क्रमशः 30 और 45 दिनों में किया जाएगा। मोर्टगेज और दस्तावेज़ों की सत्यापित प्रतियों के लिए अनुमतियां क्रमशः 30 और 3 दिनों के भीतर प्रदान की जाती हैं। स्वामत्वि में परिवर्तन (मृत्यु के मामलों को छोड़कर), भूखंडों का सीमांकन और प्लिंथ स्तर के प्रमाण पत्र जारी करने में क्रमशः 30, 5 और 7 दिन लगेंगे।
एक पखवाड़े मिलेंगे सीवरेज कनेक्शन
राज्य सरकार द्वारा पानी और सीवरेज कनेक्शन 15 दिनों के भीतर दिए जाएंगे, जबकि कए/कऊअ में भूमि या शेड के आवंटन में 60 दिन लगेंगे। संचार और कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे को स्थापित करने की अनुमति 45 दिनों के भीतर दी जाएगी। परियोजना कार्यान्वयन को पूरा करने के लिए भूखंडों के भौतिक कब्जे और वस्तिार में क्रमशः 7 और 14 दिन लगेंगे। परियोजना पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने और नाम-संबंधित सेवाओं में परिवर्तन के लिए समय सीमा क्रमशः 30 और 14 दिन नर्धिारित की गई है। संविधान में परिवर्तन, प्लॉट परिवर्तन, प्लॉट सरेंडर और प्लॉट विभाजन के लिए प्रत्येक की समय सीमा 30 दिन है। भूखंडों को पट्टे पर देने या किराये पर देने और परियोजना की स्थिति में बदलाव के लिए समय सीमा प्रत्येक 14 दिन है।