रामपुर में रिश्वतखोर सीओ को डिमोट कर बनाया सिपाही
भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की सख्त कार्रवाई

LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड़ में योगी सरकार की इस कार्रवाई ने सभी को चौंका दिया है। मसलन रामपुर में एक डिप्टी एसपी के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप था, जिसे जांच में आरोप साबित होने के बाद डिमोट करते हुए सिपाही बना दिया है।
योगी शासन के गृह विभाग से मिल रही जानकारी के मुताबिक रामपुर सदर के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक विद्या किशोर शर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था। उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगने के बाद इस मामले की जांच कराई गई थी। जांच में उन पर लगे आरोपों को सही पाया गया था। जिसके बाद योगी सरकार यह कार्रवाई की। इस रिश्वतखोर सीओ का पांच लाख रुपए घूस लिए जाने का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने पर अफसरों के इसका संज्ञान लिया और मामले को संगीन मानते हुए पुलिस इंस्पेक्टर और अस्पताल संचालक पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी और तत्कालीन सीओ को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद शासन ने इस मामले की जांच करवाई थी। जांच में एएसपी मुरादाबाद की जांच में सीओ पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए। गौरतलब है कि विद्या किशोर शर्मा की नियुक्ति यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर ही हुई थी, जिसके बाद वह प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी के पद तक पहुंच गये थे। बताया गया है कि एक साल पहले विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे और यह रिश्वत लेने का मामला एक महिला से संबन्धित था। महिला ने आरोप लगाया था कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर गंज रामवीर यादव ने उसके सामूहिक दुष्कर्म किया। लेकिन इस मामले पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद रामपुर में सीएम की जनसभा होने से पहले महिला ने आत्मदाह की भी चेतावनी दी थी।
