LP Live, New Delhi: देश में लोकसभा चुनाव से पहले कुछ राज्यों के विधानसभा इसी साल होने हैं, जिनमें राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी राजनीतिक उथल पुथल में कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। ज्योति मिर्धा हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा की साली है।
भाजपा ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका दिया है। सोमवार को नई दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्ययाल में पूर्व लोकसभा सांसद ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, और राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस के पूर्व विधायक के पुत्र सवाई सिंह चौधरी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। ज्योति मिर्धा राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता नाथूराम मिर्धा की पोत्री है और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा के सुपुत्र दीपेन्द्र हुड्डा की साली है।
भाजपा को मिलेगा सियासी फायदा
राजस्थान की राजनीति में मिर्धा परिवार का अपना एक बड़ा कद रहा है, जो कांग्रेस पार्टी के लिए राजनीति करता रहा है। ज्योति मिर्धा जो साल 2009 में राजस्थान की नागौर सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची थी। जबकि 2014 के लोक सभा चुनाव में उन्हें भाजपा उम्मीदवार सीआर चौधरी के सामने पराजित होना पड़ा था। इसी प्रकार साल 2019 के लोक सभा चुनाव में भी ज्योति एनडीए उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मुखिया हनुमान बेनीवाल से हारने के बाद जीत से वंचित रही। अब आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के लिए राजनीति पारी शुरु करने का फैसला किया है, जिससे पहले ज्योति मिर्धा राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए राजनीतिक जमीन मजबूत करेगी। यही नहीं भाजपा ने राजस्थान के जाट मतदाता बाहुल्य लोक सभा क्षेत्र नागौर में कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं हैं।