

नियमित संसदीय आदान-प्रदान भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी के प्रतीक: हरिवंश
LP Live, New Delhi: यूरोपीय संसद की अध्यक्ष सुश्री एंजेलिका निबलर के नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने संसद भवन पहुंचने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से मुलाकात की। हरिवंश भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत संबंधों, विशेष रूप से जलवायु संबंधी कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्रों में संबन्धों की सराहना की।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने यूरोपीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए भारत और यूरोपीय संघ के बीच 2004 से प्रारंभ हुई रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हुए हरिवंश ने उल्लेख किया कि यह संबंध व्यापार, प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सतत विकास, कनेक्टिविटी, रक्षा, अंतरिक्ष, गतिशीलता, शिक्षा तथा जन संपर्क जैसे विविध क्षेत्रों में और अधिक सशक्त एवं विस्तारित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में इस रणनीतिक साझेदारी की गति अत्यंत प्रभावशाली रही है और दोनों पक्षों के बीच नियमित और प्रबल संवाद हो रहा है। हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि नियमित संसदीय आदान-प्रदान भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी के प्रतीक हैं और ये वर्तमान द्विपक्षीय सहयोग पर विचार-विमर्श करने तथा आपसी संबंधों को और सुदृढ़ करने एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। वहीं इससे पहले दिसंबर 2023 में भारत यात्रा के दौरान भारत के साथ संबंधों के बारे में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और यूरोपीय संसद की सुरक्षा और रक्षा संबंधी उप-समिति (एसईडीई) के सदस्यों से हुई पिछली बैठकों का स्मरण करते हुए हरिवंश ने कहा कि हरिवंश ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच उल्लेखनीय समानता रही है। इसलिए दोनों ही विश्व की सबसे बड़ी एवं जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ, खुले बाजार की अर्थव्यवस्थाएं और बहुलवादी समाज हैं।

यूरोपीय संघ में भारतीय प्रवासी समुदाय
भारतीय प्रवासियों के वैश्विक योगदान को उजागर करते हुए, श्री हरिवंश ने कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और जिस भी देश में वे बसे हैं, वहाँ उनके अमूल्य योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ में भारतीय प्रवासी समुदाय, जिसमें मुख्यतः छात्र, शोधकर्ता और उच्च दक्षता प्राप्त पेशेवर शामिल हैं, निरंतर बढ़ रहा है, जो कि उत्साहवर्धक है। हरिवंश ने आशा व्यक्त की कि इस संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ बनाएगी तथा तेजी से बढ़ रहे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इस अवसर पर राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी भी उपस्थित थे।
