मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत
राहुल की सजा पर लगाई रोक, संसद सदस्यता हो सकती है बहाल
LP Live, New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद राहुल गांधी की रद्द की गई लोकसभा की सदस्यता भी बहाल हो सकती है?
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के जज ने अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। दरअसल जज के ऑर्डर में 2 साल अधिकतम सजा देने की वजह शायद स्पष्ट नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकतम सजा के लिए यह तो पर्याप्त नहीं है, इसलिए स्टे दिया गया। वैसे इसके कई आधार हैं कि इस केस में राहुल गांधी को क्यों अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी। पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। शीर्ष अदालत गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
क्या था मामला
गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी, ‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद अब यह भी साफ हो गया है कि राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता फिर से बहाल हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सर्टिफाइड कॉपी लोकसभा सचिवालय के पास आने के बाद तकनीकी प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए और मामले से जुड़े तमाम पहलुओं को देखने के बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा उनकी सदस्यता बहाल करने के लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।