

पंजाब व हरियाणा पुलिस ने आवागमन के खुलवाया रास्ता,आमजन व व्यापारियों ने ली राहत की सांस
LP Live, Chandigarh: आखिर हरियाणा-पंजाब की सीमा के पास शंभू बॉर्डर और जींद जिले से सटा खनौरी बॉर्डर 13 महीने बाद आवाजाही के लिए खोल दिया गया। पंजाब पुलिस की किसानों के धरना स्थल पर किसानों को हटाने और उनके बनाए गये ठिकानों को बुलडोजर चलाकर हटाने के बाद अमृतसर-अंबाला-दिल्ली नेशनल हाईवे को बहाल होने पर गुरुवार शाम से ही वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। यह मार्ग पिछले 13 महीने से यह नेशनल हाईवे किसानों की नाकेबंदी की वजह से बंद था। पंजाब सरकार की इस कार्यवाही से भले ही किसानों में गुस्सा फूटा हो, लेकिन आमजन और व्यापारियों को 13 माह बाद रास्ता खुलने से बड़ी राहत मिली है।
पंजाब पुलिस की किसानों के आंदोलन पर इस बड़ी कार्रवाई के तहत किसान नेता सरवण सिंह पंधेर समेत 100 से अधिक किसानों पर केस दर्ज कर उन्हें पटियाला जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पंजाब में करीब एक हजार से ज्यादा किसान पुलिस हिरासत में हैं। इसी कारण पंजाब के मोगा, बठिंडा, मुक्तसर, फरीदकोट और होशियारपुर में सरकार की कार्रवाई से नाराज किसान जत्थेबंदियों और पुलिस के बीच टकराव के हालात बने हुए है। ये किसान संगठनों ने 26 मार्च को चंडीगढ़ कूच करने का ऐलान कर चुके थे। हरियाणा पुलिस ने भी अपनी सीमा में बनाए गए सीमेंट के भारी बेरिकेड तोड़ने का काम किया। यानी पंजाब व हरियाणा पुलिस ने रास्ता बिल्कुल साफ कर दिया। इसके बाद शंभू में सबसे पहले शाम 4:36 बजे राजपुरा-अंबाला लेन और देर शाम सात बजे अंबाला-राजपुरा लेन पर वाहनों का आवागमन शुरू हुआ। वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की सात सदस्यीय टीम ने भी घग्गर दरिया पर बने पुल का निरीक्षण किया। मरम्मत होने तक हलके वाहनों को ही गुजरने की आज्ञा दी जाएगी। दूसरी ओर हरियाणा में किसान नेताओं को हिरासत में लेने को लेकर चार जिलों में प्रदर्शन हुए।

हजारो किसान हिरासत में
पंजाब में पुलिस ने वीरवार को ही राज्य भर में प्रदर्शन कर रहे 1,300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया है। सबसे ज्यादा 500 प्रदर्शनकारी फरीदकोट और 300 संगरूर जिले से हिरासत में लिए गए हैं। यह प्रदर्शनकारी बुधवार को शंभू और खनौरी में हुई पुलिस कार्रवाई और किसान नेताओं और किसानों को हिरासत में लेने का विरोध कर रहे थे। गुरदासपुर और तरनतारन में किसानों ने डीसी दफ्तर के बाहर पक्का मोर्चा लगा दिया है।
वार्ता करने से किसानों का इंकार
दूसरी ओर शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों का धरना खत्म कराने के बाद पंजाब सरकार ने भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेताओं को शुक्रवार को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन एकता के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में आने से इंकार कर दिया है। पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये किसानों के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर के आर्मी एरिया में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मेडिकल टीम की निगरानी में रखा गया है। इससे पहले उन्हें जालंधर के पीआईएमएस अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।
पंजाब व हरयिाणा को करोड़ो का नुकसान
इन 13 माह में पंजाब और हरियाणा ने सवा लाख करोड़ रुपये का नुकसान सीधे झेला है। अकेले हरियाणा के तीनों बॉर्डर(शंभू, खनौरी व कुंडली) से सटे इलाकों ने ही 1,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाया है। पंजाब के कारोबार ने सबसे ज्यादा एक लाख करोड़ का नुकसान झेला है। वीरवार को हरियाणा और पंजाब का प्रशासन व पुलिस दिनभर शंभू बॉर्डर पर किसानों (Farmers Protest) के पक्के मोर्चों को हटाने के साथ ही नेशनल हाईवे को साफ करने में जुटे रहे।
