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जी-20 समिट: हरियाणवी कलाकारों के साथ थिरके विदेशी मेहमान

हरियाणा की समृद्ध संस्कृति के हुए कायल, पारंपरिक लोक गीतों व संगीत आया पसंद

देशी व्यंजनो का स्वाद लेकर मेहमान नवाजी से हुए आनंदमयी
LP Live, Nuh/Mewat: हरियाणा के नूहं जिले के तावडू के आईटीसी ग्रैंड भारत में चल रही जी-20 समिट की चौथी शेरपा बैठक में विदेशी मेहमानों को हरियाणा की समृद्ध संस्कृति और परंपरा ऐसी भायी कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विदेशी भी कलाकारों के साथ थिरकते नजर आए।

नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले नूहं जिले में चल रही समिट की शेरपा मीटिंग में हरियाणवी लोक कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति और परंपरागत विरासत को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए बिखेरा, जो विदेशी मेहमानों को भी बेहद पसंद आया। भले ही विदेशी प्रतिनिधि हरियाणवी बोली और हिंदी भाषा को न समझ पाए, लेकिन हरियाणवी पारंपरिक गीतों की धुन और लोक नृत्यों पर खूब थिरके। हरियाणा सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में 110 हरियाणवी कलाकारों 110 कलाकारों ने बारी-बारी से नॉन स्टॉप प्रस्तुति देकर विदेशी मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सांस्कृतिक टीमों की परफॉर्मेंस की सराहना की। इस तरह के वैश्विक मंच पर अपनी प्रस्तुति देना हरियाणा के कलाकारों को भी गर्व और गौरव की अनुभूति करा रहा था। सांस्कृतिक कार्यक्रम में देसी धुन और गीतों पर मेहमानों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से हरियाणवी पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दे रहे कलाकारों की हौसला अफजाई की। वहीं उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा परंपरा और संस्कृति को संरक्षित रखने की प्रतिबद्धता की सराहना भी की। कलाकारों ने देसी धुनों पर हरियाणवी तीज त्यौहारों की परंपरा से जुड़े गीत सुनाकर दर्शकों में सावन की मस्ती का अहसास कराया। वहीं पनिहारी, खोडिया व रशिया के रश घोलकर माहौल को खुशनुमा कर दिया।

गीतों के बोल से हरियाणा के अतीत के दर्शन
जी-20 समिट की चौथी शेरपा बैठक की सांस्कृतिक संध्या में हरियाणा के कई पारंपरिक गीतों के बोल सुनने को मिले। इसमें पुरातनता और आधुनिकता का सामंजस्य देखने को मिला। इसमें हरियाणा के गौरवशाली अतीत को दर्शाया गया। हरियाणा की वैदिक भूमि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उद्गम स्थल के रूप में जानी जाती है। पृथ्वी पर हरि (ईश्वर) का निवास कहे जाने वाले हरियाणा के इतिहास को कलाकारों ने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया। ‘मेरे सिर पै बंटा टोकणी’, ‘इसी गजब की बहू बणूंगी’, ‘सुथरा सा भरतार मेरे दिल नै घणा लुभावै सै’ और ‘म्हारी आई कोथली सामण मै’ आदि पारंपरिक गीतों को आधुनिकता की स्टेज से पेश करके परंपरा और प्रगति की तस्वीर पेश की।

देशी व्यंजनों का लिया स्वाद
हरियाणा के नूंह जिला के आईटीसी ग्रैंड भारत में चल रही जी-20 समिट की चौथी शेरपा बैठक में विदेशी मेहमानों ने बाजरे से बनी खीचड़ी, रोटी, राबड़ी, टिक्की, फिरनी, लापसी सहित विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मेहमानों से शिष्टाचार भेंट की तथा उनके साथ देसी व्यंजनों का आनंद लिया। जी-20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत व विभिन्न देशों से आए शेरपा व अन्य प्रतिनिधियों ने हरियाणा के परंपरागत व्यंजनों का जायका लिया।

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