मीरापुर उपचुनाव में किस और जाएगा मुस्लिम मतदाता, प्रत्याशियों के सामने बड़ी चुनौती
सपा, असपा, बसपा और एआइएमआईएम के प्रत्याशी मुस्लिम, वोटरों की संख्या सवा लाख


LP Live, Muzaffarnagar: मीरापुर विधानसभा उपचुनाव मुस्लिम प्रत्याशियों के लिए भंवर में फंसने जैसा दिखाई देने लगा हैं। नामांकन पत्रों की जांच पूरी होने के बाद मैदान में 11 प्रत्याशी बचे हैं, जिसमें छह प्रत्याशी मुस्लिम हैं। इन मुस्लिम प्रत्याशियों के सामने अब अपने समाज की वोट साधने की चुनौती खड़ी हो गई है। सपा खुद को मुस्लिम वोटों का बाजीगार मानती है, लेकिन सपा के लिए मुस्लिम वोटों को साधने की राह इतनी आसान नहीं है, बसपा, असपा और एआइएमआइएम प्रत्याशी भी मुस्लिम वोटों पर डोरे डालने में पीछे रहने वालों में से नही हैं। इनका भाग्य अब सवा लाख मुस्लिम वोटरों की मुठ्ठी में हैं, जो 13 नंवबर को खुलेगी।

मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए विभिन्न पार्टियां अपने तरकस से प्रत्याशियों के तीर छोड़ चुकी है। सभी ने जोश के साथ नामांकन पत्र दाखिल किए। 34 नामांकन पत्रों में 22 पत्र निरस्त हो गए और शेष 12 प्रत्याशियों के बीच चुनाव में मैदानी मुकाबला शुरू हो गया था। बुधवार को नाम वापसी में सुंबुल राणा के पति ने अपना पर्चा वापस ले लिया, जिसके बाद अब 11 प्रत्याशी बचे हैं, जिसमें भी एक प्रत्याशी रालोद-भाजपा से मिथलेश पाल के पति अमरनाथ पाल हैं। इस हिसाब से पांच हिंदू व छह प्रत्याशी मुस्लिम बचे हैं। ऐसे में मुस्लिम प्रत्याशियों के सामने वोटरों को रिझाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो चुकी है। राजनीति के विशेषज्ञों के अनुसार सीट पर कुल सवा लाख वोटर मुस्लिम हैं और उनके सामने विकल्प के रूप में छह मुस्लिम प्रत्याशी खड़े हो गए हैं। मुस्लिम प्रत्याशियों में सपा की सुंबुल राणा, बसपा से शाहनजर, अजाद समाज पार्टी से जाहिद हुसैन, एआइएमआइएम से मौहम्मद अरशद सहित मजलूम समाज पार्टी से लियाकत, बहुजन मुक्ति पार्टी से वकार अजहर और एक निर्दलीय प्रत्याशी शाह मौहम्मद राणा है। अब सपा खुद को मुस्लिम वोटरों को साधने में खुद को पहले स्थान पर मानती है, लेकिन अन्य दलों से खड़े हुए मुस्लिम प्रत्याशियों का वजूद भी कम नहीं है, जिसके चलते मीरापुर सीट पर सवा लाख मुस्लिम वोटों को साधने की चुनौती सभी मुस्लिम प्रत्याशियों के सामने हैं।
रिपोर्ट- तरुण पाल
