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यूपी: मुजफ्फरनगर, बिजनौर व सहारनपुर समेत 29 जिलों में बढ़ा भूजल स्तर 

योगी सरकार की नई जल नीति से 566 विकासखंडों का भूजल की बेहतर स्थिति

यूपी में एक साल के भीतर लगे 500 नए पीजोमीटर और 690 डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर 

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से लेकर जल शिक्षण तक, भूजल निगरानी में यूपी बना तकनीक में अग्रणी

LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भूजल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर किए गए प्रयास सफल साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार की नई जल नीति और तकनीकी नवाचारों के चलते प्रदेश के 826 में से 566 विकासखंडों में भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जल संरक्षण के क्षेत्र में यह परिवर्तन न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनकर उभरा है। इसके तहत लखनऊ, मुजफ्फरनगर , बिजनौर,सहारनपुर, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, रायबरेली समेत 29 जिलों में भूजल स्तर में व्यापक सुधार हुआ है।

योगी सरकार की योगी सरकार की जल नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मसलन भूजल स्तर के लिहाज से प्रदेश के कुल 826 विकासखंडों में से 566 अब सुरक्षित श्रेणी में आ गए हैं। वर्ष 2017 में जहां 82 विकासखंड अतिदोहित श्रेणी में थे, वहीं अब यह संख्या घटकर केवल 50 रह गई है। यह सुधार राज्य की समर्पित जल नीति, तकनीकी निगरानी और जनभागीदारी के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इसके अलावा तमाम जिलों में कई ऐसे विकासखंड जो पहले सेमी-क्रिटिकल की श्रेणी में थे, अब सुरक्षित की श्रेणी में आ गए हैं। प्रदेश के भूगर्भ जल विभाग (नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) ने प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए विस्तृत योजना बनाई है। भूजल सूचना प्रणाली को लगातार विकसित किया जा रहा है, जिससे भूजल के दोहन, उपयोग और संवर्द्धन का प्रभावी रूप से प्रबंधन किया जा सके।

68 फीसदी विकासखंड सुरक्षित

उत्तर प्रदेश के कुल 826 विकासखंडों में से 566 अब सुरक्षित श्रेणी में आ गए हैं। वर्ष 2017 में जहां 82 विकासखंड अतिदोहित श्रेणी में थे, वहीं अब यह संख्या घटकर केवल 50 रह गई है। यह सुधार राज्य की समर्पित जल नीति, तकनीकी निगरानी और जनभागीदारी के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इसके अलावा तमाम जिलों में कई ऐसे विकासखंड जो पहले सेमी-क्रिटिकल की श्रेणी में थे, अब सुरक्षित की श्रेणी में आ गए हैं। भूजल स्तर की सटीक निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले एक वर्ष में 500 नए पीजोमीटर और 690 डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर (डीडब्ल्यूएलआर ) लगाए हैं। इन उपकरणों के माध्यम से जलस्तर की निरंतर और पारदर्शी निगरानी की जा रही है, जिससे समय रहते बेहतर निर्णय लिए जा सकें।

इन जिलों में सुधरा भूजल स्तर 

उत्तर प्रदेश के जिन 29 जिलों के भूजल में सुधार हुआ है, उनमें आगरा, अलीगढ़, औरैया, बहराइच, बलरामपुर,,बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, एटा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हापुड़,,जालौन, झांसी,,कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर तथा श्रावस्ती शामिल हैं।

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