यूपी में अब ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे निकाय चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की ओबीसी आयोग की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का दो दिनों के भीतर नोटिफिकेशन जारी करने की दी अनुमति
सीएम योगी ने निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
LP Live, New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। वहीं कोर्ट ने दो दिनों के भीतर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण को बाधित करने के विपक्ष के मंसूबों को करारा झटका लगा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण हेतु प्रतिबद्ध थी एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये समय सीमा के भीतर ही सारी कार्यवाही कर ली। उन्होंने कहा कि विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
क्या है आयोग की रिपोर्ट
आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद नौ मार्च को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। वहीं आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के पक्ष में फैसला दिया है और आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। वहीं ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओबीसी आयोग का गठन किया था, जिसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक अपना कार्य करके रिपोर्ट तैयार की। आयोग की इस रिपोर्ट पर सोमवार 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को राहत देते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की अनुमति दी है।
विपक्षी दलों को लगा झटका
गौरतलब है कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष के लोगों ने बैकडोर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करवाई थी और सरकार के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश सरकार दलित, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है। बिना भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है। हम बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएंगे।