
लोकपथ लाइव, मुजफ्फरनगर।
बीएसए कार्यालय में बीएसए और प्रधान लिपिक के बीच कागजी कार्रवाई इन दिनों अन्य कर्मचारियों के लिए चर्चा का विषय बन गई है। प्रधान लिपिक अशोक मलिक का बीएसए ने स्थानांतरण किया तो वह सचिव से अपना आदेश निरस्त कराकर कार्यालय में अनुशासनहीनता पर उतारू हो गए। कमरा का ताला तोड़ने पर बीएसए ने स्पष्टीकरण मांगा तो उसका भी जवाब देना बीएसए को लाजमी नहीं समझा गया, हालांकि लिपिक बुधवार को भी अपने कार्यालय में बैठा रहा।
बीएसए कार्यालय में तैनात डीसी विकास त्यागी के गायब होने और फिर वापस आने के बाद प्रधान लिपिक अशोक मलिक सजिश चलने का आरोप लगा था, जिसके चलते सिविल लाइन पुलिस ने भी प्रधान लिपिक से इस मामले मे पूछताछ की थी। इस मामले में बीएसए संदीप कुमार ने प्रधान लिपिक अशोक मलिक का तबादला खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगर में किया था, लेकिन उन्होंने नगर क्षेत्र कार्यालय में ज्वाइंन नही किया, जबकि इसी क्रम में शहर कार्यालय से निलेश पंवार को उनके स्थान पर बीएसए कार्यालय में भेजा था। अशोक मलिक के ज्वाइन नहीं करने था जवाब मांगने पर कोई उत्तर नहीं देने पर उनका वेतन भी रोका गया था। इस बीच वह बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी का पत्र लेकर कुछ दिन पूर्व बीएसए कार्यालय में पहुंच गए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बीएसए द्वारा उनका स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया गया है। इसी आधार पर बीएसए को बिना विश्वास में लिए उन्होंने अपने कमरे का ताला तोड़कर वहां बैठना शुरू कर दिया। इसके बाद बीएसए ने प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा। बीएसए को इग्नोर कर प्रधान लिपिक बिना स्पष्टीकरण दिए बुधवार को अपने कार्यालय में बैठा रहा। बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि ताला तोड़ने पर मांगे गए स्पष्टीकरण का प्रधान लिपिक ने अभी जवाब नहीं दिया है, जबकि एक दिन का ही समय दिया गया था।
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