
लोकपथ लाइव, मुजफ्फरनगर। राशन की दुकानों पर उपभोक्तओं के साथ धोखे की शिकायत सामने आ रही है। अंगूठा लगाकर राशन तौल में भी राशन डीलर उपभोक्ताओं को चकमा दे रहे हैं। उपभोक्ता पूर्ति विभाग और विधिक माप विज्ञान विभाग में कोटेदारों की घटतौली की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन दोनों विभाग एक दूसरे की कमी का हवाला देकर समस्या पर पर्दा डालकर समस्याओं को सुलझाने की बजाए उलझा रहे हैं।
मुजफ्फरनगर में 2018 में हुए ई-पाश राशन घोटेले में 98 राशन डीलरों की गडबड़ी में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसके बाद बड़ी संख्या मे दुकानों को सस्पेंड किया था, लेकिन पिछले छह महीनों से वह कोटेदार कोर्ट के आदेश पर दोबारा से दुकान बहाली के आदेश के साथ संचालन में आ चुके हैं। उनके दुकानों के संचालन के साथ ही शहर में घटतौली की शिकायते सामने आई है। विधिक माप विज्ञान विभाग कार्यालय में भी उपभोक्ताओं ने शिकायत की है। वहीं डीएसओ को भी अवगत कराया है। कुछ राशन डीलरों को चिन्हित करते हुए शिकायत की गई है। वह प्रति राशन उपभोक्तओं को दो से तीन किलो तक राशन कम दे रहे हैं। शिकायत पर विधिक माप विज्ञान विभाग ने संज्ञान लिया है, लेकिन जांच के बजाए यूनिटों पर राशन कम देने का हवाला देकर डीएसओ विभाग के पाले में जांच की गेंद फेंक दी। हालांकि कुछ महीने पूर्व योगेंद्रपुरी में अमित कुमार की जांच में स्टाक का झोल, कांटे में गडबड़ी की शिकायत पर दुकान शील हुई थी, जिसमें आगे की कार्रवाई औपचारिकता के साथ निभाग बिना एफआईआर ही दुकान खोली गई। उपभोक्ताओं ने बताया कि शहर के गांधी कालोनी, मल्हूपुरा, कूकड़ा आदि क्षेत्रों में राशन कम निकलने की समस्याएं आ रही है।
विधिक माप विज्ञान विभाग के निरीक्षक अनिल चौहान ने बताया कि प्रति वर्ष सरकार से निर्धारित एक कंपनी द्वारा राशन डीलर के कांटे का सत्यापन करती है। यदि उपभोक्ताओं को कम राशन मिलता है तो डीएसओ को शिकायत की जाए और उपभोक्ता भी जागरूक रहे कि कांटा शून्य कर ही राशन तौल कराए।
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