पकड़ में आया फर्जी शिक्षक, जांच के बाद बर्खास्त
बेसिक शिक्षा विभाग में 19 वर्ष से मृतक के कागजों पर नौकरी करता रहा फर्जी शिक्षक हस्तिनापुर निवासी ओमपाल। जानसठ तहसील के गांव कासमपुर भूम्मा में कर रहा था नौकरी। शिकायत के बाद खुली अफसरों की पोल। नियुक्ति के समय नहीं होती गहणना से जांच। मुजफ्फरनगर में पहले भी सामने आ चुके फर्जी प्रमाणा पत्रों पर नियुक्ति पाने वाले फर्जी शिक्षकों के मामले।


LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों पर शिक्षक के रूप में नौकरी करने का एक खेल सामने आया है। शिक्षक की नियुक्ति पाने वाले पात्र की माैत होने पर उसके दोस्त ने ही मृतक के प्रमाणपत्र लगाकर विभाग को गुमराह कर नौकरी पा ली। मुजफ्फरनगर के कासमपुर भुम्मा स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात फर्जी शिक्षक की शिकायत हुई तो पूरे मामले से पर्दा हटा और सोए हुए अफसर हरकत में आए और कार्रवाई कर उसे बर्खास्त कर दिया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि हमे पात्र के फर्जी कागजों पर अपात्र के नौकरी करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच की गई तो पता चला कि शिक्षक की नौकरी पाने वाला पात्र जनपद मेरठ के दयालपुर निवासी ज्ञानेंद्र 19 नवंबर 1999 को अपना नियुक्ति पत्र लेने के लिए जा रहे थे, लेकिन उसी दरमियान उनकी एक हादसे में मृत्यु हो गई। इसके बाद हस्तिनापुर के गूढ़ा गांव निवासी ओमपाल सिंह ने 31 जनवरी 2004 को खुद को ज्ञानेंद्र दर्शाकर प्राथमिक विद्यालय नंगला खेपड़ में नौकरी पा ली, जिसमें आरोपी आेमपाल ने मृतक पात्र शिक्षक के सभी प्रमाण पत्र लगा दिए और विभाग को भी गुमराह कर दिया। इसके बाद फर्जी शिक्षक को समायोजन में वर्ष 2011 में कंपोजिट विद्यालय कासमपुर भूम्मा में नियुक्ति मिली। इसकी भनक मृतक के परिवार को लग गई, जिसके बाद उन्होंने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत डाली। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद शर्मा से जांच कराई तो मामला सत्य निकला। बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि फर्जी शिक्षक ओमपाल सिंह को बर्खास्त किया गया है। इससे वेतन की वसूली की जाएगी। करीब 19 वर्ष का वेतन वसूला जाएगा।
