समय से करें ब्रेस्ट कैंसर की पहचान, बिना दर्द वाली गांठ खतरनाक
वैशाली स्थित मैक्स हास्पिटल की सर्जिकल आन्कोलॉजी (स्तन कैंसर) विभाग की वरिष्ठ निदेशक डा. रजिंदर कौर सग्गू कर रही जागरूक


LP Live, Health Desk News: ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। शुरूआती लक्षणों को नहीं समझने वाली महिलाओं को अंतिम स्टेट पर इलाज कराने में अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसरों के लक्षणों को समझा महिलाओं के लिए अधिक आवश्यक है। इसके लिए महिलाओं के संगठन, स्कूलों आदि के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है।
वैशाली स्थित मैक्स हास्पिटल की सर्जिकल आन्कोलॉजी (स्तन कैंसर) विभाग की वरिष्ठ निदेशक डा. रजिंदर कौर सग्गू ने बताया कि अर्ली डिटेक्शन से ब्रेस्ट कैंसर पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि महिलाएं याद रखे कि बिना दर्द वाली गांठ ब्रेस्ट कैंसर की पहचान है, जिसके लिए जागरूक होना चाहिए। स्तन कैंसर के समय पर इलाज और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के महत्व से इलाज संभव है। समाज में स्तन कैंसर की प्रारंभिक पहचान को लेकर अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। इसके लिए मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद सहित अन्य शहरों की महिला संगठनों व स्कूलों में कार्यक्रम होने चाहिए। वह यहां के स्कूलों से संपर्क कर जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करेंगी। डा. सग्गू ने कि कई महिलाएं स्तन खोने के डर से समय पर इलाज नहीं करवाती हैं, लेकिन तकनीक के जरिए अब ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी से बेहतर उपचार संभव है।

स्तन कैंसर के मुख्य लक्ष्ण
– स्तन में बिना दर्द की गांठ होना।
– निप्पल से खून आना।
– निप्पल अंदर घुसना
– स्तन के आकार में बदलाव आना।
– चमड़ी गड्ढे होना।
– पुरूषों में केवल निप्पल अंदर घुसना ही लक्षण है।
