
LP Live, Education Desk: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का बोर्ड परीक्षाफल घोषित हो गया है, लेकिन अभी सीबीएसई बोर्ड परीक्षार्थियों का रिजल्ट आना शेष है। जैसे-जैसे तिथि आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही सीबीएसई के बोर्ड परीक्षार्थियों के दिल और दिमाग पर बेहतर अंक आने का तनाव बढ़ने लगा है। इस स्थिति में दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षार्थियों के मन में सकारात्मकता पैदा करने के लिए शिक्षक और प्रधानाचार्य कोशिश कर रहे हैं, ताकि रिजल्ट कुछ भी रहे। छात्र-छात्राएं उसे बिना तनाव खुले मन से स्वीकार कर आगे बढ़े। मुजफ्फरनगर में करीब 98 स्कूलों से आठ हजार से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी।
एसडी पब्लिक स्कूल मुजफ्फरनगर की प्रधानाचार्या भारती तिवारी कहती हैं कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र-छात्राएं अधिक तनाव लेते हैं। ऐसे में एक-दूसरे छात्र-छात्राओं से भी प्रतिस्पर्धा रहती है, लेकिन सभी बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए मेरा संदेश है कि वह खुले मन से अपने बोर्ड के रिजल्ट को स्वीकार करें। परीक्षा परिणामों में कम-ज्यादा अंक पर अधिक विचार नहीं करें, बल्कि रिजल्ट को लेकर अपने अगले लक्ष्य की तरफ बढ़े। उन्होंने बताया कि स्कूल में भी इस विषय से तनावमुक्त बनाने के लिए कार्यशाला की गई है। उनका कहना है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षाफल वार्षिक होता है, जिसकों लेकर छात्र-छात्राएं तनाव मुक्त रहें। बच्चों कम अंक आने पर अभिभावकों को भी यह ध्यान रखने की जरूरत है कि वह अपने बच्चों कैसे डील करें, तथा आगे के लिए कैसे वह उन्हें मोटिवेट करें। विद्यार्थी पाजीटिव सोच के साथ परीक्षाफल को लें और शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ अभिभावकों के साथ रिजल्ट को लेकर ओपन माइंड रहें। यदि किसी विद्यार्थी के कम अंक आते हैं तो वह खुद को किसी अन्य छात्र से तुलना नहीं करें। वह अपनी अगले लक्ष्य की और बढ़े। इससे वह अगले पायदान पर और अधिक अंक के साथ लक्ष्य को प्राप्त करेगा। रिजल्ट को लेकर छात्र-छात्राएं बिलकुल भी चिंता नहीं करें। एक-एक दिन गिनने के बजाए 10वीं कक्षा और 12वीं कक्षा के बाद क्या करना है, इसके लिए सोचे, ताकि वह रिजल्ट आने के तुरंत बाद निर्णय लेने में सफल रहे। अभिभावक भी अपने बच्चों को मोटिवेशन देते रहे।

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