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मुजफ्फरनगर के बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी निलंबित

योगी सरकार का लापरवाही व भ्रष्टाचार पर चला कई जिलों के दर्जनों अधिकारियों पर हंटर

बांदा के चकबंदी अधिकारी और महाराजगंज के सहायक चकबंदी अधिकारी भी निलंबित
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। सीएम योगी के निर्देश पर चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर दो चकबंदी अधिकारियों समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें मुजफ्फरनगर के बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी भी शामिल हैं। वहीं इन अधिकारियों समेत कई अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आरोप पत्र जारी किये गये हैं।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर बांदा के चकबंदी अधिकारी, मुजफ्फरनगर के बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी और महाराजगंज के सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई के बारे में प्रदेश के चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बिजनौर में चल रही चकबंदी में अनियमितता को लेकर विभिन्न गांव के किसानों की शिकायत पर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में चकबंदी के दौरान अनियमितता की शिकायत सही मिलने पर तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी विजय कुमार(सम्प्रति बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी मुजफ्फरनगर) को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये। वहीं उप संचालक चकबन्दी को अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिये गये। मुजफ्फरनगर में चकबंदी कार्यों में अनियमितता पर चकबन्दी अधिकारी तत्कालीन वीरेन्द्र प्रकाश सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी के खिलाफ पिछले दस वर्ष से चल रही जांच रिपोर्ट अब तक निदेशालय को न दिये जाने पर जांच अधिकारी उप संचालक चकबंदी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले चकबंदी अधिकारी के पेशकार को निलंबित किया गया था।

बांदा व महाराजगंज में भी निलंबन की कार्रवाई
इसी प्रकार महाराजगंज के ग्राम बैठवलिया में प्रारंभिक चकबंदी योजना तैयार करने में अनियमितता पर सहायक चकबंदी अधिकारी अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। वहीं उप संचालक चकबंदी को अनियमितताओं को दुरुस्त करने तथा लंबित निगरानियों का ग्राम अदालत के माध्यम से शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं बांदा के ग्राम सिलेहटा में अनियमितताओं पर चकबंदी अधिकारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इसी ग्राम के संबंध में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण नारायण सिंह के खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने और तत्कालीन चकबंदीकर्ता कामता प्रसाद, संप्रति सहायक चकबंदी अधिकारी को अनियमितता के लिए निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। जबकि चकबंदी लेखपाल विकास सिंह, जो पूर्व से इसी ग्राम में अनियमितताओं के लिए निलंबित हैं, उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप (जो पूर्व से ही निलम्बित हैं), उनके खिलाफ भी अतिरिक्त आरोप पत्र निर्गत करने के निर्देश दिये गये।

आजमगढ़ में भी चला लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
आजमगढ़ जिलाधिकारी की आख्या के आधार पर चकबन्दी कार्यों के शिथिल पर्यवेक्षण एवं कार्य में शिथिलता के दोषी चकबन्दी अधिकारी (से.नि.) शैल राजीव कमल, सहायक चकबंदी अधिकारी (से.नि.) मोहन लाल श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, चक्रधर त्रिगुनायत और जैनेंद्र प्रताप के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। इसके अलावा गोंडा के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी देवेंद्र सिंह को वादों के निस्तारण न करने एवं शिथिल पर्यवेक्षण पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। जबकि लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने यहां संबद्ध मीरजापुर के चकबंदी लेखपाल राजेंद्र कुमार यादव द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की थी। इस पर सम्बद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए मीरजापुर के बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी को लेखपाल के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये।

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