G-20 Summit: कैसी रहेगी दिल्ली में आवागमन की व्यवस्था, जानें एडवाईजरी…
जमीन से आसमान तक किये गये सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम


आवश्यक वस्तुओं के आवागमन करने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गो से शर्तो पर मिलेगी इजाजत
LP Live, New Delhi: सबसे बड़े वैश्विक संगठन जी-20 के अध्यक्ष के रुप में 18वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर की बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 40 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इतिहास में पहली बार कोई दक्षिण एशियाई देश इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से कुछ प्रतिबंधित भी रहेगा, जिसमें कार्यक्रम स्थल के आसपास इस दौरान हर तरह के वाहनों के आवगमन को पूर्णतया: प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को इस वैश्विक सम्मेलन सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 के अध्यक्ष के रुप में यह बैठक भारत के लिए एक बड़ा मौका है। नई दिल्ली के प्रति मैदान में 9-10 सितंबर को हो रही जी-20 की बैठक भारत के इतिहास में एक नया अध्याय दर्ज करेगी। इस सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए भारत ने प्रगति मैदान में अत्याधुनिक भारत मंडप कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया है, जहां विदेशी मेहमान मंच को साझा करेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से जमीन से आसमान की सुरक्षा में सेना के कमांडो को हैलीकाप्टरों के साथ तैनात किया जा रहा है, वहीं खोजी कुत्तों और बम निरोधक दस्तों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
बैठक में हिस्सा लेंगे ये प्रमुख सदस्य
प्रमुख रुप से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी जी-20 बैठक में शामिल होंगे। इनके फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ऑल्फ स्कॉल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनैकियो लूला डि सिल्वा सहित जी20 के कई नेता इस सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे हैं। जबकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह चीनी पीएम ली कियांग बैठक में बीजिंग का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी-20 समिट में हिस्सा लेंगे।
क्या होगा मूल एजेंडा
जी-20 का मूल एजेंडा आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का है, लेकिन भारत की अध्यक्षता में समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि और भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल कर लिया गया है। इसमें दो समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक। फाइनेंशियल ट्रैक में बातचीत का काम वित्त मंत्री संभालते हैं और शेरपा ट्रैक में शेरपा यानी वह व्यक्ति जिसे सरकार शेरपा के तौर पर नियुक्त करती है। इसकी पृष्ठभूमि चूंकि दुनिया की जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सा जी-20 देशों का है। वहीं दुनिया के व्यापार में 75 फीसदी की हिस्सेदारी भी इन्हीं की है, ऐसे में इनकी बैठक को काफी अहम माना जाता है। इनका काम सभी सदस्य देशों के साथ समन्वय बनाना और नेगोशिएट करना होता है।

क्या है जी-20
जी-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। जी-20 समिट का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में जी-20 समिट का आयोजन दो-दो बार किया गया था। इस सम्मेालन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्रा ध्याक्ष को बुलाया जाता है और कुछ अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। जी20 की अध्यक्षता एक वर्ष के लिए बैठक के एजेंडा का संचालन करती है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी करती है। भारत को एक दिसंबर 2022 को जी20 की अध्यक्षता मिली और अब उसने जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंप दी है। भारत से पहले इंडोनेशिया ने 2022 में जी20 प्रेसीडेंसी जीती थी। जी 20 में दो समानांतर ट्रैक शामिल हैं, जिनमें एक फाइनेंस ट्रैक और दूसरा शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा वित्त ट्रैक के बाद शेरपा ट्रैक का नेतृत्व करते हैं।
कैसी है जी-20 की तैयारी
भारत की राजधानी दिल्ली को 9 और 10 सितंबर को जी 20 समिट के मद्देनजर भव्य रुप से सजाया गया है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सम्मेलन को लेकर जमीन से आसमान तक दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इस दौरान कुछ जरुरी को कामों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर में कई चीजों पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। इसी कड़ी में गाड़ियों के आवगमन को लेकर दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एडवाइजरी जारी की है।
दिल्ली परिवहन की ये है एडवाइजरी
जी-20 की बैठक को लेकर दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी जारी की है, जिसके अनुसार दिल्ली के मथुरा रोड (आश्रम चौक से आगे), भैरों रोड, पुराना किला रोड और प्रगति मैदान सुरंग के अंदर से कोई भी माल वाहन, वाणिज्यिक वाहन, अंतरराज्यीय बसें और इंटर स्टेट सिटी बसों को आवगमन पर 7 सितंबर और 8 सितंबर 2023 की रात 12 बजे से 10 सितंबर 2023 रात 11.59 बजे तक पूर्ण रुप से प्रतिबंधित रहेगा।
इन वाहनों को मिलेगी इजाजत
दिल्ली परिवहन विभाग के जारी दिशानिर्देशों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, सब्जियां, फल, चिकित्सा आपूर्ति के काम में लगे वाहनों को वैध ‘नो एंट्री परमिशन’ के साथ दिल्ली में घुसने की इजाजत कुछ नियम के तहत प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इसके लिए उनके पास वैध परमिट होना लाजमी है। राजधानी के नई दिल्ली क्षेत्र को कंट्रोल जोन-I घोषित किया है। नई दिल्ली में ये 8 सितंबर 2023 से सुबह 5 बजे से 10 सितंबर 2023 तक 11.59 तक लागू रहेगा।
इन्हें भी मिलेगी छूट
राजधानी में जी-20 समिट के दौरान पूरे रिंग रोड (महात्मा गांधी मार्ग) पर 8 सितंबर सुबह 5 बजे से 10 सितंबर 2023 तक ‘रेगुलेटेड जोन’ घोषित किया गया है। इस दौरान बोनाफाइड (प्रमाणिक) निवासियों, अधिकृत वाहन, आपातकालीन वाहन को आवाजाही की अनुमति होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले यात्रियों को ही नई दिल्ली क्षेत्र की सड़कों पर चलने की अनुमति होगी। दिल्ली में पहले से मौजूद सभी तरह बस सेवाओं और व्यावसायिक वाहन को रिंग रोड और दूसरे रास्तों से बार्डर तक जाने की इजाजत होगी।
