आचार संहिता उल्लंघन में पूर्व विधायक बरी, नहीं मिले साक्ष्य


LP Live, Muzaffarnagar: चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने भाजपा के पूर्व विधायक उमेश मलिक को बरी कर दिया, जबकि एक सह आरोपी पहले ही अपना गुनाह कबूल कर 300 रुपये का जुर्माना भुगत चुका है।

साल 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान बुढ़ाना सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे उमेश मलिक पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर ने बताया कि उमेश मलिक के खिलाफ शाहपुर थाना प्रभारी निरीक्षक एसएस चौधरी ने मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि 5 फरवरी 2012 को पुलिस ने उमेश मलिक के शाहपुर कस्बे में मोहल्ला सैनीयान स्थित चुनावी कार्यालय पर छापेमारी की थी। जिसके बाद मकान मालिक मास्टर सतपाल सिंह और पूर्व विधायक उमेश मलिक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उनके कार्यालय से बिना अनुमति तैयार कराई गई प्रचार सामग्री और डिस्पोजेबल क्राकरी मिली थी। उन्होंने बताया कि मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए सिविल जज सीनियर डिविजन मयंक जायसवाल की कोर्ट में हुई। साक्ष्य के अभाव में न्यायाधीश ने पूर्व विधायक उमेश मलिक को बरी कर दिया। अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया, मुकदमे में सह आरोपी रहे मास्टर सतपाल पर न्यायाधीश ने 12 मार्च 2022 को 300 रुपये का जुर्माना भुगतने का आदेश दिया था।इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता बिजेंद्र मलिक आदि मौजूद रहे।
