
उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर तक चलेगी एसआईआर प्रक्रिया
लोकपथ लाइव, नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान (एसआईआर) 2026 के फॉर्म जमा कराने की समयसीमा को उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। यह समयसीमा अलग अलग राज्यों में अलग अलग होगी। उत्तर प्रदेश में एसआईआर 26 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 (बुधवार) की गई गई है। जबकि तमिलनाडु और गुजरात में एसआईआर फॉर्म जमा कराने की समयसीमा 14 दिसंबर से बढ़ाकर 19 दिसंबर 2025 की गई है।


निर्वाचन आयोग के निएार्य के अनुसार विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान ((एसआईआर) 2026 के तहत दावे और आपत्तियां जमा करने के लिए समयसीमा बढ़ाकर छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राहत दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने यह कदम विभिन्न राज्यों में प्राप्त आवेदनों की संख्या और तकनीकी तथा प्रशासनिक कारणों को मद्देनजर लिया है, ताकि हितधारकों को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और जमा कराने के लिए अतिरिक्त समय मिल सके। उत्तर प्रदेश में एसआईआर की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 (बुधवार) कर दी गई है, जो 26 दिसंबर 2025 थी। वहीं तमिलनाडु और गुजरात में एसआईआर फॉर्म जमा कराने के लिए 14 दिसंबर 2025 (रविवार) से बढ़ाकर अंतिम तिथि 19 दिसंबर 2025 कर दीहै। मसलन इन राज्यों के लोगों को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और जमा कराने के लिए पांच दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार के लिए अंतिम तिथि 18 दिसंबर से बढ़ाकर 23 दिसंबर 2025 (मंगलवार) तक करने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र में एसआईआर को लेकर हो रही चर्चा में भी हो रही है। इस निर्णय में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के लोगों से अपील की है कि बढ़ाई गई समयसीमा में जल्द से जल्द अपने दस्तावेज जमा कर दें और मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या विवरण सुधारने की प्रक्रिया पूरी करने में सहयोग दें।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से पूरा करने और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने के लिए आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया था। इस अतिरिक्त समय के तहत जिला निर्वाचन अधिकारी मृतक, शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं का पुनः सत्यापन कर सकेंगे।
यूपी में 30 जनवरी 2026 तक हो सकेंगे दावे
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने यह भी बताया कि आयोग द्वारा अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2026 के आधार पर प्रदेश में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण की घोषित तिथियों में संशोधन कर दिया गया है। इसके अनुसार गणना अवधि अब 26 दिसंबर 2025 तक निर्धारित की गई है। निर्वाचन नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन अब 31 दिसंबर 2025 को होगा। दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक रहेगी। वहीं 31 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण में गणना प्रपत्रों पर निर्णय लिया जाएगा और दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश की अंतिम मतदाता सूची 28 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।












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