Select Language :

Home » राष्ट्रीय » दिल्ली बलास्ट: मुजफ्फरनगर पर भी सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर

दिल्ली बलास्ट: मुजफ्फरनगर पर भी सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर

आतंकियों का सुरक्षित शरणगाह रहा है मुजफ्फरनगर व शामली जिला
पिछले दशकों में पकड़े जा चुके हें दर्जनों आतंकी व एजेंट
LP Live, Muzaffarnagar\Delhi: दिल्ली में लाल किला के पास सोमवार की शाम हुए कार बम बलास्ट के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासतौर से मुजफ्फरनगर भी इसलिए सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर कभी आतंकवादियों का सुरक्षित शरणगाह रहा है और आतंकदी संगठनों से जुड़े आतंकी पकड़े भी जा चुके हैं।

How to Make a News Portal

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले समय समय पर आतंकवादियों की शरणस्थली के रुप सुरक्षित रहे है। इस कारण मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र खुफिया अलर्ट पर रहा है। सूत्रों की माने तो दिल्ली बलास्ट के बाद मुजफ्फरनगर व शामली भी आतंकवादियों की जांच और तलाश के लिए सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है, क्यों कि शामली के कैराना-कांधला का नाम आतंकी कनेक्शन में जुड़ रहा है। मसलन सुरक्षा एजेंसियां खुफिया विभाग मुजफ्फरनगर जिले में नब्बे के दशक और उसके बाद पकड़े गये आतंकियों और उनको पनाह देने वालों की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। हाल ही में रविवार को कस्बा झिंझाना के मोहल्ला शेखा मैदान निवासी आतंकी आजाद शेख को अहमदाबाद एटीएस ने गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर व शामली जिलों, खासतौर से पाक खुफिया आईएसआई एजेटों का केंद्र रहे कैराना से समय समय पर आतंकी संगठनों के एजेंट पकड़े जा चुके है। इनमे आतंकवादी गतिविधयों में लिप्त कैराना के इकबाल मलिक उर्फ काना का आज तक पुलिस काई सुराग तक नहीं जुटा पायी है, जो । जबकि चरथावल के दंगा पीड़ितों के लिए लगाये एक कैम्प में भी आतंकी संगठन के एजेंट रात गुजारकर पुलिस को चकमा दे चुके हैं, जिन्होंने दंगा पीड़ितों को देश विरोधी कामों के लिए उकसाया था। सूत्रों की माने तो, दिल्ली बम बलास्ट के बाद एक बार सुरक्षा एजेसियों की नजरें मुजफ्फरनगर पर टिकी हुई है और सुरक्षा एजेंसियों तथा एटीएस की टीमें जनपद मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों में कुछ ठिकानों पर छापेमारी करने की कार्यवाही कर चुकी हैं।

हथियार और नकली नोटों की तस्करी में लिप्त रहा काना
कैराना की इकबाल मलिक उर्फ काना कभी समझौता एक्सप्रेस से सूखे मेवे की आड़ में हथियार और नकली नोटों की तस्करी करता था। इकबाल काना के ठिकाने से 1995 में हथियारों की खेप पकड़ी गई, जिसके बाद काना पाकिस्तान भाग गया। इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोट और हथियारों की सप्लाई का नेटवर्क चला रहे हैं।आज इकबाल काना आइएसआइ कमांडर के रूप में आतंकी गतिविधियों में लिप्त बताया जा रहा है।

पिछले 30 सालों में कई गिरफ्तार
जिले में संदिग्ध गतिविधियों का इतिहास रहा है। वर्ष 2000 में मुजफ्फरनगर के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद वारस को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2005 में एसटीएफ ने शामली से पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलाह के साथ जम्मू कश्मीर निवासी तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। साल 2007 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी साबिर पुत्र नूरा और मोहल्ला रायजादगान निवासी शकीरन अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ पकडी गई थी। वर्ष 2013 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी शहनाज, मुल्ला नसीर और अनीस को हथियार तस्करी के आरोप में अटारी बार्डर पर पकड़ा गया। वर्ष 2015 में थानाभवन के मदीना कालोनी में रह रहा बांग्लादेशी यासीन परिवार सहित फरार हो गया था। उसने राशन कार्ड भी बनवा लिया था। वर्ष 2016 में गंगेरू निवासी इस्माईल को अटारी बार्डर पर टिन के बॉक्स में चार पिस्टल और सात मैगजीन के साथ दबोचा गया। नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक कर खालसा लिब्रेशन फ्रंट के चीफ सहित छह आतंकियों को भगाने का मास्टर माइंड परमिंदर उर्फ पिंदा कैराना से गिरफ्तार किया गया। जबकि 29 अक्तूबर 2016 को कैराना निवासी फरहत खान को दिल्ली में पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2018 में कैराना निवासी पाकिस्तान से कुर्कर की आड़ में पिस्टल लाते हुए गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2023 में एसटीएफ मेरठ ने आइएसआइ एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान में 14 महीने रहकर आया था। साथ ही उसके भाई तहसीम मोटा को भी गिरफ्तार किया गया। साल 2024 में हरियाणा की सीआइए टीम ने कैराना निवासी नोमान को गिरफ्तार किया था, जो आइएसआइ कमांडर इकबाल काना के संपर्क में था और देशी विरोधी गतिविधि में शामिल पाया गया।

नब्बे के दशक में पकडे गए आतंकी
मुजफ्फरनगर व शामली जनपदों के आतंकी गतिविधियों के तहत वर्ष 1994 में थाना सिविल लाइन के मौहल्ला महमूदनगर में रह रहे आतंकी संगठन जेश ए मौहम्मद का एजेंट अब्दुल जब्बार पकड़ा गया था। यह आतंकवादियों को परीक्षण दिलवाने का काम करता था। जबकि वर्ष 1996 में खालापार में रह रहे लश्कर ए तैय्यबा के एजेंट जाकारिया को पकड़ा था। यह पाकिस्तान का रहने वाले है और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर इसे जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया था। इसको शरण देने में योगेन्द्रपुरी निवासी इजहार, सुजडू निवासी अथर, चित्तौडा निवासी जानमौहम्मद व खालापार निवासी इनाम इलाही को भी गिरफ्तार किया था। वर्ष 2002 में शहर कोतवाली के गांव शेरपुर से अब्दुल गफ्फार, गय्यूर व शकीला तथा दौराला निवासी अब्दुल हक की गिरफ्तारी हुई थी। खुफिया विभाग का कहना है कि इनके कब्जे से सेना के गुप्त दस्तावेज बरामद हुए थे। ये सब लोग आतंकी संगठन जेश ए मौहम्मद के लिए काम करते थे। अम्बाला की जीआरपी ने वर्ष 2003 में मीरांपुर के मौहम्मद उमर को गिरफ्तार किया था। इसके पास अम्बाला केंट के नक्शे बरामद हुए थे। यह भी जेश ए मौहम्मद संगठन से जुडा था। मोदीनगर पुलिस ने मीराुप्पुर के इलियास सैफी तथा कांधला पुलिस ने बुढाना के इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से जरूरी दस्तावेज मिले थे।

वर्ष 2014 में खतौली पुलिस व एटीएस ने आतंकी सलीम पतला को गिरफ्तार किया था। यह काफी समय से मुरादाबार में छिपकर मोबाइल की दुकान चलाता था। इसके संबंध में कश्मीर के अलगाव वादी संगठन से थे। फिलहाल यह जेल में है। 10 जुलाई 2017 को जम्मू पुलिस ने आतंकी सदीप कुमार शर्मा निवासी अंकित विहार मुजफ्फरनगर को कश्मीर के अंनतनाग से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आंतकी लश्कर ए तैय्यबा के लिए काम करता था। अनंतनाग में उसने अपने साथियों के साथ बम विस्फोट किया था। इसी प्रकार 6 अगस्त 2017 को एटीएस ने चरथावल थाना क्षेत्र के कुटसेरा में स्थित हुसैनिया मस्जिद से आंतकी इमाम अब्दुल्लाह उल मामेन को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आतंकी से फर्जी पासपोर्ट व आधार कार्ड मिला था।

Share this post:

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

खबरें और भी हैं...

वोट करें

Are You Satisfied Lokpath Live

Our Visitor

0 3 8 1 7 9
Total views : 114461

Follow us on