मुजफ्फरनगर जेल में लगेगी चौपाल, बंदी निभाएंगे सरपंच का दायित्व
मुजफ्फरनगर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने की अनूठी पहल
LP Live, Desk: मुजफ्फरनगर की जिला कारागार में अब ग्राम पंचायत की तरह चौपाल लगेगी। जिला कारागार को सात चौपालों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक चौपाल पर एक बंदी को ही उसका सरपंच बनाया गया है। चौपाल में छह समितियां बनाई गई, जिसमें बंदियों के उत्थान व समस्याओं का निवारण किया जाएगा। बंदियों को समिति के जरिये अनुशासन का पाठ भी पढाया जाएगा। उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाएगा। इन समितियां में उपसरपंच भी बनाया गया है। यह अनूठी पहल उत्तर प्रदेश की जेल में शुरू होगी
उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के प्रयास से एक अनुठी पहल की जा रही है। ग्राम पंचायत की तरह जिला जेल में चौपाल लगाई जाएगी। जिला जेल के भीतर बनाई गई 6 चौपाल में सरपंच बंदियों की समस्याओं से रुबरु होकर जेल प्रशासन को अवगत करेंगे। इससे बंदियों व कैदियों की समस्याओं का निवारण किया जा सके। जिला जेल में बनी समितियां बंदियों व कैदियों के स्वास्थ्य लाभ के साथ सफाई, शिक्षा, विधिक सहायता उपलब्ध करने पर ध्यान देंगे। सात चौपालों पर प्रत्येक सप्ताह बंदियों को बुलाकर वार्ता की जाएगी।
छह समितियां करेगी यह अलग-अलग काम
योग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम : इसमें बंदियों को योग के लिए जागरूक किया जाएगा, ताकि वह स्वास्थय लाभ के साथ मानसिक तनाव से दूर रह सके। वहीं जेल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में हस्सिा लेकर बंदी जागरूक हो सकें।
स्वास्थ्य : दूसरी समिति बंदियों के स्वास्थ्य के लिए बनायी गयी है। समिति के सदस्य बंदियों के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी लेगे, जिन बंदियों को ठीक से उपचार नहीं मिल रहा है। उनकी जानकारी जेल प्रशासन को देकर उन्हें उचित उपचार दिलाने का कार्य करेगी। बीमार बंदियों की निगरानी भी की जाएगी।
स्वच्छता : जेल में स्वच्छता का ध्यान रखा जाएगा। प्रत्येक चौपाल के भीतर आने वाली बैरक को स्वच्छ व जिला कारागर में समय समय पर सफाई अभियान चलाया जाएगा।
विधिक सहायता : विधिक सहायता में कानून के जानकार बंदियों को रखा गया है। ऐसे बंदी जो जुर्माना न जमा कर पाए हो ओर सजा काट रहे है। इसके अलावा बंदियों को यह समिति जेल प्रशासन को बताकर वकील भी दिलायेगी ताकि उन्हें जमानत मिल सके। सभी की सूची बनाई जाएगी।
शिक्षा एवं कौशल विकास : यह समिति अनपढ़ बंदियों की पढ़ाई का ध्यान रखेगी ताकि उन्हें साक्षर बनाया सके। वहीं कौशल विकास से जोड़कर उन्हें समाज की धारा से जोड़ने का काम करेगी।
अनुशासन: यह समिति बंदियों को अनुशासन सिखाएगी ताकि जमानत पर बाहर जाकर वह अच्छे काम करे। समाज में लोगों के साथ रहकर अपने परिवार को पालन पोषण करे।