महेन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण पर खर्च होंगे 55 लाख रुपये
अमृत योजना के तहत 13.59 करोड़ की लागत विकास कार्य


आदर्श रेलवे स्टेशन के बावजूद 17 साल से सुविधाओं की जो रहा है बाट
LP Live, Mahendragarh: हरियाणा के महेन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन को 17 साल पहले आदर्श रेलवे स्टेशन घोषित किया गया था, लेकिन उसके आधुनिकरण और विकास कार्य न होने से सुविधाओं के लिए तरस रहा था। अब इस रेलवे स्टेशन को आधुनिकीकरण की दिशा में काम शुरु हो गया है, जिस पर 55 लाख रुपये की लागत से कोच इंडक्शन, डिजिटल बोर्ड व एलईडी लाईट व जीपीएस लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की देश के रेलवे स्टेशनों के आधुनिक विकास के लिए चल रही रेल परियोजनाओं के तहत महेन्द्रगढ़ जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर विकास कार्य शुरु हो गया है। केंद्र सरकार ने अमृत योजना के तहत बीकानेर मंडल के 15 रेलवे स्टेशन पर विभिन्न निर्माण कार्य कराकर यात्री सुविधाओं को दुरुस्त करने का निर्णय लिया है। इसमें महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी व नारनौल-रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। अब महेन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन में कोच इंडक्शन, डिजिटल बोर्ड व एलईडी लाईट व जीपीएस जैसी आधुनिक सुविधाओं के लिए निर्माण कार्य शुरु हो चुका है।

ऐसे होगा रेलवे स्टेशन का सुधार
महेन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन पर अमृत योजना के तहत 13.59 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। स्टेशन पर प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग बनाए जाएंगे। इनके मार्गो के लिए भी भी सुधार किया जा रहा है। वहीं रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्यकरण और पार्किंग की सुविधा का विस्तार के साथ इसके भवन का भी आधुनिकीकरण के साथ सुधार किया जाएगा। इस डिजिटल युग के अनुरुप अब स्टेशन पर डिजिटलीकरण की सुविधाएं दी जा रही है, जिसमें बुकिंग कार्यालय, रिटायरिंग रूम, वैटिंग हॉल के सुधार करना भी शामिल है। इस रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगजनों के रैप, 17 फिट चौड़ा फुट ओवरब्रिज भी बनाने का प्रस्ताव भी है।
अंग्रेजी हुकूमत के जमाने का है स्टेशन
हरियाणा के महेन्द्रगढ़ के रेलवे स्टेशन के लिए वर्ष 1936 में रेवाड़ी-बीकानेर रेलवे लाईन के सर्वे का काम शुरू हुआ था। एक साल बाद वर्ष 1937 में सर्वे का काम पूरा हुआ। वर्ष 1940 में रेवाड़ी से बीकानेर तक मीटर गेज लाईन बिछाई गई थी तथा वर्ष 1942 में दिल्ली से बीकानेर तक पहली मीटर गेज ट्रेन का संचालन किया गया था। वहीं वर्ष 2008 में मीटर से ब्राड गेज लाईन बिछाई गई थी। इसके बाद वर्ष 2020 में रेवाड़ी से सादलपुर तक इलेक्ट्रिक लाईन बिछाने का काम शुरू किया गया था तथा वर्ष 2021 में इलेक्ट्रिक लाइन पर ट्रायल किया गया था, लेकिन अभी तक इस रूट इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो पाया है।
