विश्व स्तरीय होगा यूपी राज्य फॉरेंसिंक विज्ञान संथान
मुख्यमंत्री योगी ने किया संस्थान के पहले बैच के छात्रों से संवाद
तकनीकी संस्थानों से जांच में तेजी लाने की कवायद
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश प्रदेश में अपराधों की जांच में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना की जाएगी, जिसका पांच कोर्सेस के साथ पहला बैच शुरु हो रहा है। यह संस्थान ऐसा होगा जिसकी पहचान देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के छात्रों से संवाद करते हुए इस निर्णय की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि इस संस्थान का पहला बैच 5 कोर्सेस के साथ शुरु होने जा रहा है। योगी ने कहा कि गृह विभाग के साथ ही संस्थान से जुड़े लोगों को इसे वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित करने के लिए नए कोर्सेज लाये जाएंगे, जिनके लिए फॉरेंसिक से जुड़े टॉप संस्थानों के साथ एमओयू हो रहे हैं और नॉलेज शेयरिंग की जा रही है। सीएम योगी ने कहा कि समाज में गुड गवर्नेंस, डेमोक्रेसी के साथ समयबद्ध तरीके से लोगों को न्याय सुगम कराने की दिशा में हमें समय के अनुरूप तैयार करना होगा। सीएम ने फॉरेंसिक जैसी तकनीक की वकालत करते हुए कहा हर जनपद में और हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क और उसके विशेषज्ञ से लैस एफएसएल लैब्स की कल्पना की गई है। इस दिशा में अपनी दृष्टि को विस्तार देते हुए एंटी सोशल, एंटी नेशनल या लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती देने वाले किसी भी तत्व से दो कदम आगे सोचने की सामर्थ्य रखने की जरुरत होगी, जिसके लिए इस संस्थान को निरंतर सकारात्मक दृष्टि से कार्य करना होगा।
अध्ययन व शोध पर बल
सीएम योगी ने स्टडी और रिसर्च पर जोर देते हुए कहा कि अलग अलग जनपद के, अलग-अलग प्रदेश के, रेंज वाइज, जोनल वाइज, हमें देखना चाहिए कि किस तरह के अपराध की प्रवृति है। उन्होंने कहा कि यूपी में आज कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि कोई भी वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूट स्टडी से, रिसर्च से अपने को ग्रूम करता है तो अपने आगे बढ़ने की संभावनाओं को बढ़ा देता है। इस फील्ड में एआई और मशीन लर्निंग का पाठ्यक्रम संचालित होगा तो आप देखेंगे कि कैसे बैठे-बैठे पूरी व्यवस्था को आप वॉच कर सकते हैं। न्यू एज कोर्सेज आपके पास आएंगे। इन सारी चीजों की शुरुआत होने के बाद लोगों को लगेगा कि यह काम बहुत पहले होने चाहिए था। इन चीजों पर हमें 10 वर्ष पहले सोचना चाहिए था, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में व्यापक शोध की आवश्यकता होगी।
सीएम योगी ने इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं की संख्या पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा और सकारात्मक संदेश है। उनके लिए इस फील्ड में काफी संभावनाएं हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार, स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार, उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर एडीजी डॉ जीके गोस्वामी, डीआईजी राजीव गोयनका समेत संस्थान से सभी फैकल्टी मेंबर और छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।