भारत में 29 राज्यों के मुख्यमंत्री करोड़पति, जाने किस-किस पर मुकदमें
आंध्र के जगनमोहन रेड्डी सबसे अमीर, ममता बनर्जी सबसे कम संपत्ति की मालिक


महाराष्ट्र में शिंदे सबसे कम पढ़े लिखे मुख्यमंत्री
LP Live, New Delhi: देश के 30 राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों के 29 मुख्यमंत्री करोड़पतियों की फेरिस्त में शामिल है, एक मुख्यमंत्री की औसत संपत्ति 33.96 करोड़ रुपये आंकी गई है। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सम्पत्ति सबसे अधिक 510 करोड़ रुपए है। जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सम्पत्ति सबसे कम 15 लाख रुपए हैं। इसके बाद एक करोड़ रुपये की संपत्ति वाले मुख्यमंत्रियों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन शामिल हैं।
इन तीस राज्यों व केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा शपथ पत्रों में घोषित की गई संपत्ति का विश्लेषण करने वाली एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म यानी एडीआर ने यह खुलासा किया है, कि देश में 28 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा 29 यानी 97 प्रतिशत मुख्यमंत्री करोड़पतियों की सूची में शुमार हैं। देश में इन विश्लेषित संपत्ति के मामले में एक मुख्यमंत्री की औसन संपत्ति औसत सम्पत्ति 33.96 करोड़ रुपए है। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी सर्वाधिक करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिक है। इन करोड़पति नेताओं में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये की संपत्ति वाले 18 यानी 60 प्रतिशत मुख्यमंत्री, जबकि दस से 50 करोड़ की संपत्ति वाले 8 यानी 27 प्रतिशत और तीन से 50 करोड़ की संपत्ति के मालिकों में तीन यानी दस फीसदी मुख्यमंत्री शामिल है। एक करोड़ से कम वाली एक मात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।
किस सीएम की कितनी संपत्ति
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआरसीपी नेता जगनमोहन रेड्डी ने अपने चुनावी हल्फनामे में 510.38 रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। इसके बाद भाजपा की अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडु की 163.50 करोड़ रुपये, ओडिशा की बीजेडी सरकार के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की 63.87 करोड़ रुपये, नागालैंड की एनडीपीपी सरकार के मुख्यमंत्री नेइफ्यू रियो की 46.95 करोड़ रुपये और केंद्र शासित पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी की 38.39 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई है। तेलंगाना में टीआरएस की सरकार के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने 23.55 करोड़ रुपये से ज्यादा, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23.05 करोड़, असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वास सर्मा ने 17.28 करोड़, मेघालय की एनपीपी सरकार के मुख्यमंत्री कॉनार्ड कोंग्कल संगमा ने 14.06 करोड़, त्रिपुरा में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मानिक शाह ने 13.90 करोड़, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 11.56 करोड़, गोवा के मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत ने 9.37 करोड़ की संपत्ति सार्वजनिक की है। जबकि कर्नाटक के सीएम बास्वाराज बोम्माई की 8.92 करोड़, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालीन ने 8.88 करोड़, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 8.52 करोड़, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल ने 8.23 करोड़, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह ने 7.82 करोड़, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने 7.67 करोड़ तथा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने 6.54 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है।

पांच करोड़ से कम वाले मुख्यमंत्री
चुनाव आयोग के समक्ष शपथपत्र के जरिए अपनी संपत्ति घोषित करने वाले मुख्यमंत्रियों में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास 4.65 करोड़, सिक्किम के प्रेमसिंह तमांग ने 3.89 करोड़, मिजोरम के जोरामथांग्स ने 3.84 करोड़, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 3.44 करोड़, बिहार के नितीश कुमार ने 3.09 करोड़, पंजाब के भागवत मान ने 1.97 करोड़, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने 1.55 करोड़, मणिपुर के नांग्थॉम्बाम बिरेन सिंह ने 1.47 करोड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 1.27 करोड़ और केरला के पिनरायी विजयन ने करीब 1.19 करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने शपथ पत्र में घोषित किया है। जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे कम 15.38 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है।
शिंदे सबसे कम शिक्षित सीएम
एडीआर की रिपोर्ट में मुख्यमंत्रियों के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद खुलासा किया कि इन तीस मुख्यमंत्रियों में सबसे ज्यादा 11 सीएम स्नातक, नौ स्नात्कोत्तर, एक डाक्टर, एक डिप्लोमाधारी, एक दसवीं पास तथा तीन बारहवीं पास की शैक्षिक योग्यता रखते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सबसे कम दसवीं तक पढ़े लिखें हैं। जबकि इससे ज्यादा तीन राज्यों झारांड, पंजाब व केरल के मुख्यमंत्री की शैक्षिक योग्यता इंटरमिडिएट है।
तेरह मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक दाग
इन तीस मुख्यमंत्रियों में 43 फीसदी यानी 13 के खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन चल रहे हैं। इनमें तेलंगाना के सीएम के खिलाफ सर्वाधिक 63 मामले अदालत में विचाराधीन हैं। जबकि तमिलनाडु के सीएम के खिलाफ 47, आंध्र प्रदेश के सीएम के खिलाफ 38, महाराष्ट्र के सीएम के खिलाफ 18, दिल्ली के सीएम के खिलाफ 13 आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मिजोरम, केरल, सिक्किम, पंजाब और बिहार के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले लंबित हैं।
