LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ प्रभारी जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रविकांत के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है।



लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय खलीकुज्जमा ने पारिवारिक मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित किये जाने पर बल दिया। लोक अदालत में पारिवारिक न्यायालयों के द्वारा 237 मामलों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सीताराम ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख अड़तीस हज़ार पाँच सौ नवासी (3,38,589) प्रकरण निस्तारित किये गये। पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण आदेश नैन के द्वारा कुल 142 वादों का निस्तारण कर 12.35,08.600 रूपये प्रतिकर प्रदान किया गया। जनपद न्यायालय के विभिन्न न्यायालयों के द्वारा कुल 6606 शमनीय फौजदारी एवं 60 दीवानी वादों का निस्तारण करते हुए शमनीय फौजदारी वादों मे 17,67,000 रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया तथा दीवानी वादों में 17,128,342.19 रूपये का उत्तराधिकार का अनुतोष प्रदान किया गया।

डीएम उमेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा कुल 7991 राजस्व मामलों का निस्तारण कर 15,320,000 रूपये का राजस्व वसूल किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 696 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 89,427,000 की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।इस अवसर पर जिला बार संघ के अध्यक्षठाकुर कंवरपाल सिंह, महासचिव चंद्रवीर सिंह निर्वाल, सिविल बार संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार मित्तल, महासचिव राज सिंह रावत, अपर जिला जज आशा रानी सिंह, सीताराम, कनिष्क कुमार सिंह, काशिफ शेख,दिनेश प्रताप सिंह, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, मंजुला भलोटिया, निशान्त सिंगला,कमलापति प्रजापति, मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट कविता अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
