यमुना नदी के पुनरुद्धार में जुटी दिल्ली की भाजपा सरकार
उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व सीएम रेखा गुप्ता ने तैयार की रणनीति


दिल्ली के 360 छोटे-बड़े नालों का होगा पुनर्मूल्यांकन, यमुना में गिरने वाले 22 बड़े नालों का ड्रोन सर्वेक्षण का फैसला
LP Live, New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बह रही यमुना नदी के पुनरुद्धार को लेकर दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार का कदम आगे बढ़ता दिखने लगा है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यमुना नदी के पुनरुद्धार पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में यमुना नदी की सफाई, सुधार और उसके सुधार के लिए कई रणनीतियां तैयार की गई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अलावा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सीआर पाटिल के साथ दिल्ली के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र तथा दिल्ली लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद रहे। बैठक में यमुना नदी को बहाल करने और पुनर्जीवित करने के लिए समन्वित प्रयासों और कार्य योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक ऐसी व्यापक चर्चा हुई, जो दिल्ली के पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना नदी के पुरुद्धार के लिए इस अभियान का उद्देश्य राजधानी को स्वच्छ जल और प्रदूषण मुक्त यमुना उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री गुप्ता स्वयं नदी के पुनरुद्धार के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं, और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा भी इस पर कड़ी निगरानी रख रहे है।

कार्ययोजना पेश की गई
इस बैठक के दौरान यमुना नदी के पुनरुद्धार के उद्देश्य से 45-सूत्रीय कार्ययोजना पेश की गई। इस कार्ययोजना के तहत इस हफ़्ते की शुरुआत में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी के जल ढाँचे को बेहतर बनाने, सीवरेज नेटवर्क को उन्नत करने, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और अत्यधिक प्रदूषित यमुना नदी के पुनरुद्धार के उद्देश्य से कार्य शुरु होगा। कार्ययोजना के तहत अगले साल तक 9,000 करोड़ रुपये के बजट से काम करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इसी माह ड्रोन से होगा सर्वेक्षण
यमुना नदी के सुधार की दिशा में इसी जुलाई माह के भीतर ड्रोन से सर्वेक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड को सौंपी जाएगी। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार यमुना नदी की सफाई के लिए युद्धस्तर पर सहयोग कर रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) शहर के कुल 360 छोटे-बड़े नालों का पुनर्मूल्यांकन करेगा और नदी में गिरने वाले 22 बड़े नालों का ड्रोन सर्वेक्षण किया जाएगा। यमुना नदी में प्रदूषण निगरानी के लिए कुल 67 स्थानों की पहचान की गई है।
