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यूपी: मेरठ व बिजनौर समेत 15 जिलों में स्थापित होंगे ‘रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर’

केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर चालकों को मिलेगा प्रशिक्षण

उप्र परिवहन आयुक्त ने इन जिलों के जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
LP Live, Lucknow: योगी सरकार के निर्देशन में उत्तर प्रदेश के पंद्रह जिलों में परिवहन विभाग ने रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) की स्थापना की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इन केंद्रों की स्थापना मेरठ, बिजनौर, अलीगढ़, मथुरा व सहारनपुर जैसे उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है।

उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों के लिए भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आरटीटीसी स्थापना के लिए वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, गोंडा, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, आजमगढ़, बांदा, मीरजापुर, इटावा, सहारनपुर, सीतापुर, जौनपुर व बिजनौर के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इन केंद्रों की स्थापना का मकसद प्रदेश में सड़क सुरक्षा को संस्थागत रूप देने और व्यावसायिक चालकों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है। गौरतलब है कि यह प्रस्ताव भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित योजना के अंतर्गत आता है। केंद्रीय मंत्रालय ने उक्त 15 जनपदों में आरडीटीसी की स्थापना के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए योगी सरकार ने कार्रवाही शुरु कर दी है।

प्रशिक्षण से कुशल चालकों की बढ़ेगी संख्या
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 30,37,166 व्यावसायिक वाहन हैं, जबकि व्यावसायिक वाहन चालकों की संख्या 27,48,523 है यानी 20 प्रतिशत व्यावसायिक वाहन चालकों की कमी को पूरा करने, इन्हें प्रशिक्षित करने, सड़क सुरक्षा सुधारने व रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आरडीटीसी की स्थापना की जाएगी। आरडीटीसी की स्थापना उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है।

क्या है आरडीटीसी
रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित सार्वजनिक सेवा योजना परियोजना है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार, कुशल व प्रशिक्षित वाहन चालकों को तैयार करना तथा सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर तक लाना है। यह योजना न केवल सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। यह योजना परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के माध्यम से निष्पादित की जाएगी।

वर्जन
सड़क सुरक्षा को न्यूनतम करने और व्यावसायिक चालकों को प्रशिक्षत करने के उद्देश्य से आरडीटीसी की स्थापना की जाएगी। आरडीटीसी की स्थापना उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है। 9 जनपदों में आईडीटीआर के लिए पहले ही पत्र लिखा गया था, अभी 15 जनपदों में आरडीटीसी की स्थापना के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। इसकी स्थापना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे।
ब्रजेश नारायण सिंह, उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश

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