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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से हालात बेकाबू, लागू हुआ GRAP-4

एमसीडी और दिल्ली सरकार के कार्यालयों का बदला समय

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण स्तर के बढ़ते स्तर पर दिखाई गंभीरता
LP Live, New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बनता जा रहा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार दिल्ली में सोमवार से GRAP-4 लागू कर दिया है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश भी जारी किये। इस बीच दिल्ली एमसीडी ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली एमसीडी दफ्तर कल यानी मंगलवार से सुबह 8.30 बजे खुलेंगे। जबकि दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह दस बजे से शाम 6.30 बजे तक खुलेंगे।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण ने स्वास्थ्य को आपातकाल में धकेल दिया, जहां लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजूबर हैं। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया, जोकि अति गंभीर श्रेणी में है। जबकि दिल्ली के एक दर्जन इलाकों में एक्यूआई 500 दर्ज किया गया। यह इस सीजन का सबसे अधिक एक्यूआई दर्ज किया गया। मसलन अशोक विहार, बवाना, द्वारका सेक्टर आठ समेत 12 इलाकों में एक्यूआई 500 दर्ज किया गया। पालम एयरपोर्ट पर घना से कोहरा छाया रहा। यहां सुबह साढ़े सात बजे दृश्यता 100-150 मीटर दर्ज की गई। सफदरजंग एयरपोर्ट पर भी दृश्यता 150 मीटर दर्ज की गई। जोकि शाम पांच बजे सफदरजंग में 200 मीटर और पालम में 700 मीटर दृश्यता रिकॉर्ड की गई। इससे सड़कों पर आवाजाही पर असर पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर GRAP-4 लागू
दिल्ली में प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का सोमवार को निर्देश दिया और कहा कि एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 450 से नीचे होने पर भी ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि हर नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहे। दिल्ली सरकार ने GRAP-4 लागू कर दिया है और एमसीडी व दिल्ली सरकार के कार्यालयों के समय में बदलाव किया है।

ग्रैप-4 में कैसे रहेगी पाबंदी
दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 लागू होने के बाद जरूरी सेवाओं, सीएनजी-इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक रहेगी। इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों, सीएनजी और बीएस-VI डीजल गाड़ियों के अलावा दिल्ली के बाहर के अन्य सभी कर्मिशियल वाहनों पर रोक के साथ ही दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल-4 और उससे कम क्षमता वाले डीजल से चलने वाले एमजीवी वाहन और भारी माल वाहन के चलने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। प्राइमरी स्कूल के अलावा क्लास 6 के ऊपर भी स्कूलों को बंद किए जाएंगे। दिल्ली और एनसीआर मे राज्य सरकारें ऑनलाइन क्लासेस चला सकती हैं। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल सकते हैं, ऑफिस अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का फैसला ले सकती हैं। राज्य सरकारें अन्य इमरजेंसी उपायों पर विचार कर सकती हैं। सरकारें कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद कर सकती हैं। इसके अलावा गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर सकती हैं।

सरकार को कोर्ट का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर राज्यों से 12वीं तक की कक्षाएं आयोजित करने के संबंध में तुरंत निर्णय लेने को कहा और एक ऐसा तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया, जिसके जरिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों के उल्लंघन के संबंध में शिकायतें की जा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 12वीं तक के स्कूलों को बंद कर देना चाहिए।

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