अपराधउत्तर प्रदेश

कांस्टेबल शाकिर हत्याकांड में पत्नी सहित 4 बरी

12 वर्ष पूर्व अपहरण के बाद हुई थी हत्या

LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर में 12 साल पूर्व पुलिस लाइन से अपहरण के बाद कांस्टेबल शाकिर की हत्या के मामले में गुरुवार को जिला न्यायधीश ने सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर हत्यारोपित पत्नी और सास सहित चार आरोपितों को बरी कर दिया। इस मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपित की मौत पहले ही हो चुकी है।

तीन अप्रैल 2011 को सिविल लाइन थाने में तैनात सिपाही शाकिर निवासी गांव कैलाशपुर सहारनपुर का अपहरण के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के 36 घंटे बाद शाकिर की लाश ट्रांसपोर्ट नगर के पास से बरामद हुई थी। पुलिस ने सिपाही की हत्या के मामले में मृतक की पत्नी रेशमा, सास इशरत जहां निवासी पुलिस लाइन सहारनपुर, एक वकील भारतवीर निवासी बागपत, उसका भाई सिपाही रामबीर और भांजा अमित को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने विवेचना कर चार आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। अभियोजन के अनुसार घटना के मुकदमे की सुनवाई जिला जज चवन प्रकाश की कोर्ट में हुई। ज़िला जज च्यवन प्रकाश ने मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसले के लिए 18 मई नियत की थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से मृतक शाकिर के भाई जहांगीर खान, पिता नासिर, नाबालिग बेटी बिनिश सहित लगभग एक दर्जन गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए हैं। बचाओ पक्ष के अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद मामले में आरोपित मृतक की पत्नी और उसकी सास तथा अधिवक्ता भारतवीर और उसके भांजे अमित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपित पूर्व पुलिस कांस्टेबल रामवीर की मौत हो चुकी है।

 

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