हिमाचल प्रदेश: लोकसभा चुनाव में आमने सामने भाजपा व कांग्रेस
सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने भाजपा के गढ़ को ढहाना आसान नहीं


चारों लोकसभा सीटों पर दिलचस्प चुनावी जंग के आसार
LP Live, New Delhi: हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर सातवें चरण में एक जून को होने वाले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं, जहां पिछले डेढ़ दशक से भाजपा का दबदबा है। हिमाचल में सत्तारूढ़ होने के बावजूद कांग्रेस के लिए भाजपा के सियासी किले में सेंध लगाना आसान नहीं है। इस बार दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ मजबूत चुनावी रणनीति के साथ अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा के लिए हिमाचल के लोकसभा सीटों को जीतकर हैट्रिक बनाने की दरकार है। इनमें हमीरपुर लोकसभा सीट भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ है, जहां पिछले तीन दशक से धूमल परिवार का कब्जा है। तीन बार यहां मुख्यमंत्री रहे प्रेम सिंह धूमल के बाद लगातार चार बार से उनके बेटे अनुराग ठाकुर सांसद हैं, जो इस बार पांचवी बार चुनाव मैदान में हैं। पहाड़ की जातीगत राजनीति के आधार पर बसपा भी यहां तीसरे राष्ट्रीय दल के रुप में चुनावी जंग में है, तो वहीं हिमाचली राजनीतिक दल भी ताल ठोक रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्य की सियासत हिमाचल के सियासी दल राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, हिमाचल जनता पार्टी, अखिल भारतीय परिवार पार्टी व अन्य के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। इन चारों लोकसभा सीटों पर कुल 37 प्रत्याशियों में 25 प्रत्याशी किसी न किसी दल के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 12 निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी हमीरपुर लोकसभा और सबसे कम पांच प्रत्याशी शिमला लोकसभा सीट पर चुनावी दंगल में हैं। भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमदित्य सिंह के खिलाफ फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को प्रत्याशी बनाकर इस बार चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। इस सीट पर पिछले चुनाव में विजयी रहे भाजपा सांसद रामस्वरुप शर्मा के निधन के बाद उपचुनाव में सांसद बनी कांग्रेस की प्रतिभा सिंह काबिज है। कांगड़ा लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार से भाजपा काबिज है, जहां से भाजपा के अब तक सात प्रत्याशी जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। इस बार भाजपा ने यहां मौजूदा सांसद किशन कपूर का टिकट काटकर प्रदेश के उपाध्यक्ष कद्दावर नेता राजीव भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है, जो पहली बार लोकसभा चुनाव के रण में है, इससे पहले उन्होंने केवल एक बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन सफल नहीं रहे थे। जबकि शिमला लोकसभा सीट पर भी भाजपा ने मौजूदा मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप को ही चुनाव मैदान में उतारा है, जिनके खिलाफ कांग्रेन ने सोनल जिले की कसौली क्षेत्र के मौजूदा विधायक विनोद सुल्तानपुरी को प्रत्याशी बनाकर नया दांव खेला है।

हमीरपुर भाजपा का गढ़
देवभूमि हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है, जहां 1989 से अब तक भाजपा दस बार जीत हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी के रुप में काबिज है, केवल बीच में 1996 के चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी जीता था। यहां से हिमाचल की भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे प्रेम सिंह धूमल तीन बार लोकसभा चुनाव जीते हैं, जिसके बाद उनके बेटे अनुराग ठाकुर ने इस गढ़ की विरासत को संभालते हुए अभी तक चार बार जीत हासिल की है और केंद्र सरकर में कैबिनेट मंत्री हैं। कांग्रेस ने एक सोची समझी रणनीति के तहत भाजपा को चुनौती देने के इरादे से यहां सतपाल रायजादा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
हिमाचल में मतदाताओं का चक्रव्यूह
हिमाचल की चारों सीटों पर इस बार 57,11,969 मतदाता वोटिंग के लिए पंजीकृत हैं, जिनमें 29,13,075 पुरुष, 27,98,859 महिला और 35 थर्डजेंडर मतदाता शामिल हैं। इनमें कांगड़ा लोकसभा सीट पर 7,76,880 पुरुष, 7,47,147 महिला और 5 थर्डजेंडर समेत कुल 15,24,032 मतदाता हैं। जबकि मंडी लोकसभा सीट पर कुल 13,77,173 वोटरों में 6,98,666 पुरुष, 6,78,504 महिला और 3 थर्डजेंडर वोटर हैं। इसी प्रकार हमीरपुर लोकसभा सीट पर कुल 14,56,099 मतदाताओं में 7,38,522 पुरुष, 7,17,562 महिला और 15 थर्डजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा शिमला(सु) पर 6,99,007 पुरुष, 6,55,646 महिला और 12 थर्डजेंडर समेत कुल 13,54,665 मतदाता वोटिंग करने के लिए अधिकृत हैं।
पहली बार मतदान करेंगे 1.39 लाख युवा
हिमाचल प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 18-19 साल की आयुवर्ग के 63916 महिला और एक थर्डजेंडर समेत 1,38,918 नये युवा मतदाता पहली बार वोटिंग कर सकेंगे। वहीं 1641 महिलाओं समेत 66,390 सर्विस और नौ महिलाओं समेत 34 भारतीय प्रवासी मतदाता भी पंजीकृत हैं।
दुर्गम व कठिन पहाडी बस्तियों में बने मतदान केंद्र: एक जून को लोकसभा के लिए होने वाले मतदान के लिए हिमाचल में 7990 मतदान केंद्र स्थापित किये गये हैं, जिनमें से 425 मतदान केंद्र बेहद कठिन हैं। तीन विधानसभा क्षेत्रों में चार ऐसे मतदान केंद्र हैं, जो समुद्रतल की दस हजार से 15 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर होंगे। इनमें लाहौल व स्पिति विधान क्षेत्र का टाशीगंग के मतदान केंद्र की ऊंचाई 15256 फीट और नाको के मतदान केंद्र की ऊंचाई 12010 फीट है। इसके अलावा भरमौर विधानसभा क्षेत्र के चस्क भटौरी के मतदान केंद्र 11302 तथा मनाली विधानसभा के काथी में बने मतदान केंद्र की ऊंचाई 10 हजार फीट है। भरमौर विधानसभा क्षेत्र के ऐहलमी केंद्र पर 183 और और भटीयात विधानसभा के चक्की मतदान केंद्र पर 135 मतदाताओं का मतदान करने के लिए मतदानकर्मियों को 13-13 किमी पैदल चलना पड़ेगा। सबसे ज्यादा 1410 मतदाता डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के मनोला मतदान केंद्र पर वोटिंग करेंगे। जबकि शिमला विधानसभा क्षेत्र के समरहिल पर 34 तथा किन्नौर सीट के का मतदान केंद्र पर महज 16 मतदाता वोटिंग करने के लिए अधिकृत हैं।
छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
हिमाचल विधानसभा से दलबदल के कारण निष्कासित कांग्रेस के छह विधायकों के अयोग्य घोषित होने की वजह से खाली हुई धर्मशाला, लौह स्पिति, कुटलैहड, गगरेट, बड़सर और सुजानपुर विधानसभा सीटों पर भी लोकसभा चुनाव के साथ ही मतदान होगा। इन सभी सीटों पर कुल 25 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 12 निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
